Top
Begin typing your search above and press return to search.

कैदी, और उनके 'अपने' भी सम्मान पाने के हकदार : डीजी तिहाड़

तिहाड़ सेंट्रल जेल नंबर-9 में बंद कैदियों से मिलने आने वाले 'मुलाकातियों' के लिए गुरुवार को बेहद आकर्षक और आधुनिक 'मिलाई-केंद्र' की स्थापना की गई

कैदी, और उनके अपने भी सम्मान पाने के हकदार : डीजी तिहाड़
X

नई दिल्ली। तिहाड़ सेंट्रल जेल नंबर-9 में बंद कैदियों से मिलने आने वाले 'मुलाकातियों' के लिए गुरुवार को बेहद आकर्षक और आधुनिक 'मिलाई-केंद्र' की स्थापना की गई। इस आधुनिक सुविधाओं से युक्त 'माडर्न-मुलाकाती' केंद्र की स्थापना कैदी और उनके अपनों में सम्मान की भावना जगाने के उद्देश्य से की गई है। अत्याधुनिक सुविधाओं और तकनीक से युक्त इस माडर्न मुलाकाती केंद्र का उद्घाटन तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने किया। इस अवसर पर जेल नंबर-9 में दिवाली महोत्सव का रंगारंग आयोजन भी किया गया। जेल में बंद कैदियों ने ही मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

जेल नंबर-9 के अधीक्षक पवन कुमार ने इस अवसर पर उन तमाम उल्लेखनीय कार्यो पर भी प्रकाश डाला, जो जेल में बंद कैदियों के उत्थान के लिए कराए जा रहे हैं, ताकि जेल में बंद कैदी खुद को तन्हा, अकेला महसूस न करें। साथ ही जब वे जेल से बाहर जाएं तो उनमें आत्मबल कहीं ज्यादा मौजूद हो।

गुरुवार को शुरू किए गए माडर्न-मुलाकात केंद्र में कैदियों से मिलने का वक्त सप्ताह में दो बार मिल सकेगा। इसकी बुकिंग का इंतजाम ऑनलाइन भी किया गया है। माडर्न-मुलाकाती केंद्र का उद्घघाटन करते हुए तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, "इसकी स्थापाना का मुख्य उद्देश्य जेल में बंद कैदियों और उनसे मिलने आने वाले उनके 'अपनों' को सम्मान देना है। कैदी भी हमारे-आपके ही बीच का हिस्सा हैं। जेल से बाहर जाकर यही लोग फिर समाज का हिस्सा बनेंगे। कैदी के रूप में जेल में बंद होने का मतलब यह कतई नहीं है कि कैदियों और उनके परिवार के मान-सम्मान में कहीं कोई कमी बाकी छोड़ी जाए।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it