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प्रधानमंत्री को किसान सहित सभी वर्गों की चिंता : तोमर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों सहित सभी वर्गो की चिंता है

प्रधानमंत्री को किसान सहित सभी वर्गों की चिंता : तोमर
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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों सहित सभी वर्गो की चिंता है और कोरोना से बचाव के मकसद से लॉकडाउन की घोषणा के बाद उनके आर्थिक हितों को ध्यान में रखा है। उन्होंने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री किसान निधि (पीएम-किसान) योजना के 4.91 करोड़ लाभार्थियों के खाते में 9,826 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए जा चुके हैं।

तोमर रविवार को फेसबुक पर लाइव हुए थे।

उन्होंने कहा कि कोरोना से मुकाबले के लिए लॉकडाउन जरूरी है और इसमें थोड़ी परेशानियां होना स्वाभाविक है, लेकिन लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री को हर वर्ग की चिंता रही है। इसीलिए उन्होंने राज्य सरकारों के साथ मिलकर सुनिश्चित किया कि लॉकडाउन में आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो। दूध, सब्जी, फल, खाद्य सामग्री व पशुओं का चारा उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। लॉकडाउन में कोई भूखा न रहे, इसकी चिंता की जा रही है। देश में जहां-जहां, जो-जो लोग फंसे हुए हैं, उनकी भी चिंता की जा रही है।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गांवों में मजदूरी करने वालों की आजीविका संकट में न पड़े, इसके लिए उन्हें पीडीएस के माध्यम से तीन महीनों का राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा पांच किलो गेहूं और एक किलो दाल निशुल्क दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की बहनें सैनिटाइजर व मास्क बनाकर कोरोना से लड़ाई में योगदान दे रही हैं। अभी तक ये समूह 10 लाख रुपए तक का कर्ज ले सकते थे, लेकिन अब इन्हें बिना गारंटी 20 लाख रुपए तक का कर्ज देने का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनधन योजना में शामिल 20 करोड़ महिलाओं को सहायता राशि देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि 12 करोड़ बहनों के खाते में पांच-पांच सौ रुपए भेजे जा चुके हैं।

तोमर ने कहा कि यह फसल कटाई का समय है, इसलिए लॉकडाउन में कृषि उपकरणों की आवाजाही की छूट दी गई है। उन्होंने कहा, हमने राज्यों से आग्रह किया है कि वे अगले तीन महीनों तक कृषि उत्पादों को मंडियों की व्यवस्था से मुक्त कर दें, ताकि किसान उपज को खलिहान, वेयरहाउस या उस स्थान से ही बेच सके, जहां उसने उपज रखी है।

कृषि मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कीटनाशक दवाओं, खाद-बीज की दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है। साथ ही, कृषि उपकरणों की मरम्मत के वर्कशॉप खोलने की भी अनुमति दी है।


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