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प्रधानमंत्री की नई आर्थिक सलाहकार समिति का ऐलान, डीयू-डीएसई के चार सदस्यों को मिली जगह

दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (डीएसई) से जुड़े चार लोगों को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) में शामिल किया गया है

प्रधानमंत्री की नई आर्थिक सलाहकार समिति का ऐलान, डीयू-डीएसई के चार सदस्यों को मिली जगह
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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (डीएसई) से जुड़े चार लोगों को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) में शामिल किया गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए इसे गौरव का क्षण बताया है।

कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि डीयू और डीएसई के लिए यह गौरव का क्षण है। ये प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री देश की आर्थिक नीतियों के निर्माण में अहम योगदान देंगे।

उन्होंने कहा कि दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स परिवार के चारों सदस्य भारतीय अर्थव्यवस्था का व्यापक और विविध ज्ञान रखते हैं।

वहीं, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और दिल्ली स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेंस के निदेशक प्रोफेसर राम सिंह ने भी खुशी जाहिर की।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की नई आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के नवनियुक्त चेयरमैन प्रोफेसर एस. महेंद्र देव डीएसई के पूर्व छात्र हैं। उनके साथ ही डीएसई की पूर्व निदेशक प्रोफेसर पम्मी दुआ को भी ईएसी-पीएम का सदस्य नियुक्त किया गया है। डीएसई की पूर्व विद्यार्थी डॉ. शमिका रवि को ईएसी-पीएम का पूर्णकालिक सदस्य और डीएसई के पूर्व विद्यार्थी प्रोफेसर चेतन घाटे को सदस्य नियुक्त किया गया है।

उन्होंने डीयू कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमारी नई पहलों और गतिविधियों के लिए उनका निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन बना रहता है। यही कारण है कि डीयू-डीएसई परिवार के सदस्य राष्ट्र निर्माण में अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं।

बता दें कि भाजपा नेता प्रोफेसर गौरव वल्लभ को प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद में सदस्य मनोनीत किया गया था।

कैबिनेट सचिवालय की ओर से 4 जून को जारी आदेश में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने आर्थिक सलाहकार परिषद के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। परिषद का कार्यकाल दो वर्ष या अगले आदेश तक रहेगा।

आर्थिक सलाहकार परिषद एक स्वतंत्र संस्था है, जो सरकार खासकर प्रधानमंत्री को आर्थिक मामलों पर सलाह देती है। यह सलाह परिषद अपनी ओर से या प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए किसी विषय पर हो सकती है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री द्वारा सौंपा गया कोई अन्य काम भी यह परिषद करती है।


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