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प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2019 में रखी रैपिडएक्स की आधारशिला, अक्टूबर 2023 में होगा उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2019 में दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी

प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2019 में रखी रैपिडएक्स की आधारशिला, अक्टूबर 2023 में होगा उद्घाटन
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गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2019 में दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। 82 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट के जून 2025 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। पहले चरण जो की 17 किलोमीटर का है उसका उद्घाटन होने जा रहा है। इस प्रथम चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक लोग सफर कर सकेंगे। ये दूरी महज कुछ मिनटों में ही पूरी हो जाएगी।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह ट्रेन बेहद ही सुविधाजनक होगी और सबसे बड़ी बात है की सुरक्षा व्यवस्था के लिए ट्रेन के हर डिब्बे में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। लोगों के आरामदायक सफर के लिए बैठने की व्यवस्था काफी अत्याधुनिक सीटों के साथ की गई है। इस कॉरिडोर का प्लान रैपिडएक्स प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। जिसके मैनेजमेंट की जिम्मेदारी नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन यानी एनसीआरटीसी की होगी।

एनसीआरटीसी का दावा है कि ये भारत का पहला ऐसा ट्रेन सिस्टम होगा जिसमें ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। पहले खंड में रैपिड रेल साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच चलेगी। ये रूट 17 किलोमीटर लंबा है। इस रूट पर 5 स्टेशन होंगे, जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। यात्री मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे।

रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई है, जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा। इस ट्रेन की सीटें बेहद आरामदायक बनाई गई हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर हैं। इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।

ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर भी होंगे। दिल्ली मेट्रो की सात लाइनों पर रैपिड लाइन की कनेक्टिविटी होगी। इसे मुनिरका, आईएनए और एयरोसिटी से जोड़ा जाएगा। आरआरटीएस प्रोजेक्ट के मुताबिक पूरे कॉरिडोर के साथ 24 स्टेशन बनाए जाएंगे। एजेंसी का अनुमान है कि प्रोजेक्ट 2025 में पूरा हो जाएगा तो रोजाना 8 लाख यात्री इससे सफर कर सकेंगे।

दिल्ली से मेरठ पहुंचने में एक घंटे का वक्त लगेगा। दिल्ली से मेरठ के बीच पूरे रुट के निर्माण के बाद कुल 30 रैपिड ट्रेनों को चलाने की तैयारी है। गाजियाबाद के दुहाई यार्ड में रैपिड रेल कॉरिडोर का ऑपरेशन एंड कमांड कंट्रोल सेंटर तैयार किया गया है। सरकार ने ऐसी ही आठ लाइन की पहचान की है, जिनका विकास आरआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। फर्स्ट फेज में तीन कॉरीडोर का निर्माण एनसीआरटीसी करेगी। ये होंगे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुड़गांव-निमराणा- अलवर और दिल्ली-पानीपत।


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