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सीएए पर प्रधानमंत्री कर रहे देश को गुमराह : सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर देश को गुमराह कर रहे हैं

सीएए पर प्रधानमंत्री कर रहे देश को गुमराह : सोनिया
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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर देश को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार दमनकारी हुकूमत चलाना, नफरत फैलाना और सांप्रदायिकता को आगे कर हमारे लोगों को बांटने की कोशिश बंद करे। आज अप्रत्याशित बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है।

यहां विपक्षी नेताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा, "प्रधानमंत्री और गृहमंत्री लोगों को गुमराह कर रहे हैं। इनके अपने ही बयानों में विरोधाभास है। ये दमन और हिंसा के प्रति संवेदनहीनता दिखाते हुए लगातार भड़काऊ बयान दे रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "संविधान को कमजोर किया जा रहा है और शासनतंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है। छात्रों और खास तबके के युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है। देश के कई हिस्सों में, खासतौर से उत्तर प्रदेश में आबादी के एक बड़े वर्ग को परेशान और उस पर हमला किया जा रहा है।"

विवादास्पद कानून पर चर्चा के लिए बुलाई गई विपक्ष की बैठक में सोनिया ने कहा कि इन दिनों देशभर में हर तबके के नागरिकों द्वारा समर्थित विरोध प्रदर्शन लगातार चल रहा है। वैसे तो विरोध का तात्कालिक कारण सीएए और एनआरसी है, लेकिन इसमें व्यापक निराशा और दबा हुआ गुस्सा खुलकर बाहर आता देखा जा रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "देश ने जामिया, बीएचयू, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, एएमयू और देश के अन्य हिस्सों में दूसरे उच्च शिक्षण संस्थानों के बाद जेएनयू छात्रों की भाजपा प्रायोजित डरावनी पिटाई देखी है। मोदी-शाह सरकार शासन चलाने और लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने में पूरी तरह नाकाम दिख रही है। एनआरसी को असम में वापस लेना पड़ा है।"

सोनिया ने कहा, "मोदी-शाह सरकार अब एनपीआर पर कसरत कर रही, जो कुछ ही महीनों में शुरू होने वाला है। गृहमंत्री के बयानों से स्पष्ट है कि देशभर में एनआरसी लागू करने की कवायद चल रही है।"

उन्होंने सरकार की आर्थिक नीति की आलोचना करते हुए हुए कहा, "भारत आज आर्थिक गतिविधि ध्वस्त होने जैसे असली मुद्दों का सामना कर रहा है। प्रगति व विकास की धीमी रफ्तार से समाज का हर तबका प्रभावित हो रहा है, खासकर गरीब व वंचित लोग।"

सोनिया ने कहा, "प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के पास कोई जवाब नहीं है। वे एक के बाद एक भेदभावपूर्ण और ध्रुवीकरण वाले मुद्दे उठाकर इस कड़वी सच्चाई से देश का ध्यान बंटाना चाहते हैं। हमें मिलकर काम करना है और इस सरकार की मंशा को नाकाम करना है।"


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