Top
Begin typing your search above and press return to search.

प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला : कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच पर अंतरिम रोक लगाने से किया इनकार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) द्वारा प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के लिए अपनी एकल-न्यायाधीश पीठ के पहले के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया

प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला : कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच पर अंतरिम रोक लगाने से किया इनकार
X

कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) द्वारा प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के लिए अपनी एकल-न्यायाधीश पीठ के पहले के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। सीबीआई जांच के लिए न्यायमूर्ति अभिजीत बंदोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ के पहले के आदेश को डब्ल्यूबीबीपीई द्वारा न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति लपिता बंदोपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी गई थी और इसकी सुनवाई मंगलवार को समाप्त हुई।

अपना आदेश सुरक्षित रखने वाली पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे जांच प्रक्रिया में कोई अंतरिम रोक नहीं लगा रहे हैं। मंगलवार को ही सीबीआई की टीम ने सीलबंद लिफाफे में अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट अदालत को सौंपी।

मंगलवार को डब्ल्यूबीबीपीई के वकील लक्ष्मी गुप्ता ने खंडपीठ के समक्ष मामले में कोई मौखिक तर्क देने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही नोटिस फॉर्म में अपना लिखित निवेदन दाखिल करेंगे। संयोग से, खंडपीठ ने पहले ही मामले में सभी पक्षों को नोटिस फॉर्म में 22 जुलाई को शाम 4.30 बजे तक लिखित रूप में प्रस्तुत करने के लिए कहा, जिसके बाद आगे कोई लिखित सबमिशन पर विचार नहीं किया जाएगा।

इसके बाद खंडपीठ ने जांच प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

2014 में डब्ल्यूबीबीपीई द्वारा प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की गई थी, जहां यह भी आरोप लगाया गया कि वित्तीय कारणों से कई भर्तियां की गईं।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने मामले में सीबीआई जांच का आदेश देने के अलावा नियमों का उल्लंघन करने वाले भर्ती किए गए लोगों की सेवा समाप्त करने का भी आदेश दिया। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य को डब्ल्यूबीपीपीई अध्यक्ष की कुर्सी से भी हटा दिया।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के इन सभी आदेशों को डब्ल्यूबीपीईई ने खंडपीठ में चुनौती दी थी, जिसकी सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गई।

खंडपीठ ने मामले से संबंधित अन्य मामलों में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, लेकिन सीबीआई को अपनी जांच प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it