देश में श्रमिकों और किसानों से ही देश का गौरव: परमार
श्रमिक दिवस के अवसर पर न्याय सदन भवन में आयोजित श्रमिक और उनके विधिक अधिकार विषय पर आयोजित कार्यशाला के दौरान प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव के द्वारा व्यक्त किए गए

जांजगीर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर न्याय सदन भवन में आयोजित श्रमिक और उनके विधिक अधिकार विषय पर आयोजित कार्यशाला के दौरान प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव के द्वारा व्यक्त किए गए।
प्राधिकरण की प्रभारी सचिव एवं सीजेएम उदयलक्ष्मी परमार ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर आज 1 मई को जिला न्यायालय परिसर के न्याय सदन भवन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय श्रमिक एवं उनके विधिक अधिकार था। कार्यशाला का उद्घाटन सर्वप्रथम मंचासीन अतिथिगण राजेश श्रीवास्तव जिला न्यायाधीश, दिग्विजय सिंह उपसचिव छग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, एसएल मात्रे न्यायाधीश श्रम न्यायालय, नरेश शर्मा अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ के द्वारा दीप प्रज्जवलन कर दिया गया।
जिले में संचालित समस्त 15 पावर प्लांट के प्रबंधन की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए प्रकाश इंडस्ट्रीज के संचालक एमके पारीख के द्वारा कार्यशाला में प्रथम वक्ता के रूप में अपना उदबोधन दिया गया। उन्होनें बताया कि एक सामान्य अवधारणा में श्रमिक से आशय ऐसे व्यक्ति से होता है, जो मजदूरी करके जीवन यापन कर रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि हर वह व्यक्ति जो कर्म करता है, श्रम करता है वह श्रमिक होता है।
उन्होनें पावर प्लांट प्रबंधन के द्वारा श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। श्रमिक संगठन की ओर से पीआईएल के इंटक अध्यक्ष शिवदयाल कर्ष ने श्रमिकों के दायित्वों पर अपना उदबोधन दिया और उन्होनें नियमों की परिधि में अपने श्रमिकों के दयित्वों के निर्वहन का भरोसा दिलाया। औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए सहायक संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा जांजगीर-चंपा के द्वारा श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं श्रमिकों के सुरक्षा पर पावर प्वाईंट के माध्यम से प्रस्तुति दी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जांजगीर-चंपा के द्वारा श्रमिकों के पलायन एवं उनकी समस्या पर बनी वेदना फिल्म का प्रसारण कराया गया। कार्यक्रम में आमंत्रित जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नरेश शर्मा ने उदबोधन देते हुए बताया कि उनके 40 वर्ष के अधिवक्ता प्रेक्टिस के कार्यकाल में ऐसा पहला अनुभव है,जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जांजगीर-चंपा के द्वारा श्रमिकों के लिए जिले में ऐसा बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम को श्रम न्यायालय के न्यायाधीश एसएल मात्रे ने संबोधित करते हुए बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जांजगीर-चंपा के द्वारा श्रमिक दिवस पर जिले में इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया और उन्हें इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया, जिसके लिए वे आभारी हैं।
देश के विकास में श्रमिकों का अहम योगदान: श्रीमती दुबे
आधुनिकता के दौर में हम कितने भी आगे आये लेकिन श्रमवीरों की महत्ता कभी कम नहीं होती और हम सब अपने-अपने काबिलियत के हिसाब से श्रम करते है। लिंग के आधार पर श्रमिकों में मतभेद नहीं कर सकते। उक्त विचार प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे ने कहा कि श्रमिकों के संबंध में कानून में बहुत सारे प्रावधान किये गये है, लेकिन छत्तीसगढ़ और खासकर इस जिले में श्रमिकों का दूसरे राज्य एवं दूसरे देश में रोजगार के लिये अवैध ढंग से ले जाया जाता है और बाद में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


