दुष्कर्म-हत्या मामले में 2 की मौत की सजा पर रोक
सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो व्यक्तियों के खिलाफ एक 11 वर्षीय बच्ची का अपहरण कर उससे सामूहिक दुष्कर्म करने व फिर उसकी हत्या के मामले में दी गई मौत की की सजा पर रोक लगा दी

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दो व्यक्तियों के खिलाफ एक 11 वर्षीय बच्ची का अपहरण कर उससे सामूहिक दुष्कर्म करने व फिर उसकी हत्या के मामले में दी गई मौत की की सजा पर रोक लगा दी। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति मोहन एम. शांतनागौदर की अवकाश पीठ ने इस याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है जिसमें आरोपी ने निचली अदालत द्वारा उसे दोषी ठहराए जाने और मृत्युदंड दिए जाने को उच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखने के फैसले को चुनौती दी गई है।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 9 मई के अपने फैसले में कहा था, "अपनी हवस मिटाने के लिए एक निर्दोष बच्ची की निंदनीय और वीभत्स हत्या करने के लिए आरोपी व्यक्ति केवल एक ही सजा का हकदार है और वह मृत्युदंड है।"
मामले में दोषी बाघवानी और सतीश ने 15 अप्रैल 2017 को लड़की का अपहरण किया था और दुष्कर्म करने के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी।


