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विकास पर दबाव, नीतिगत दरों में 35 आधार अंकों की कटौती

महँगाई के लक्षित दायरे में रहने के बावजूद सुस्त आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में 35 आधार अंकों की कटौती की है

विकास पर दबाव, नीतिगत दरों में 35 आधार अंकों की कटौती
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मुंबई । महँगाई के लक्षित दायरे में रहने के बावजूद सुस्त आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में 35 आधार अंकों की कटौती की है जिससे घर, कार और व्यक्तिगत ऋण सहित सभी प्रकार के ऋण के सस्ते होने की उम्मीद बनी है।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक समीक्षा बैठक में ये निर्णय लिये। सोमवार को शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने यह जानकारी दी। श्री दास के गवर्नर बनने के बाद से लगातार चौथी बार नीतिगत दरोें में कटौती की गयी है। पहले तीन बार में 0.75 फीसदी अर्थात 75 आधार अंकों की कमी की गयी थी। कुल मिलाकर चार बार में अब तक 1.10 प्रतिशत अर्थात 110 आधार अंकों की कमी की जा चुकी है।

आज की कटौती के बाद अब रेपो दर 5.75 प्रतिशत से घटकर 5.40 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 5.50 प्रतिशत से कम होकर 5.15 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी दर (एमएसएफआर) छह प्रतिशत से घटकर 5.65 प्रतिशत तथा बैंक दर छह प्रतिशत कम होकर 5.65 प्रतिशत हो गयी है। हालाँकि, नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) चार प्रतिशत पर और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) 19.25 प्रतिशत पर यथावत है। ये कटौती तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी हैं।

समिति ने चालू वित्त वर्ष की ऋण एवं मौद्रिक नीति पर अपने एकोमोडेटिव रुख को जारी रखने का भी निर्णय लिया जिससे आवश्यकता होने पर नीतिगत दरों में और कमी किये जाने की संभावना बनी रहेगी।


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