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चीन और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने वार्ता की

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने राजधानी पेइचिंग के जन बृहद भवन में चीन के दौरे पर आए उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्ज़ियोयेव के साथ बातचीत की

चीन और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने वार्ता की
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बीजिंग। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने राजधानी पेइचिंग के जन बृहद भवन में चीन के दौरे पर आए उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्ज़ियोयेव के साथ बातचीत की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने घोषणा की कि चीन और उज़्बेकिस्तान ने उच्च स्तर पर साझा भविष्य के समुदाय के निर्माण के लिए एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी विकसित करने का निर्णय लिया है।

इस दौरान, शी चिनफिंग ने कहा कि 32 साल पहले उज्बेकिस्तान चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला मध्य एशियाई देश था। दोनों देशों के लोगों को सिल्क रोड की भावना विरासत में मिली है, और चीन-उज्बेकिस्तान दोस्ती जीवन शक्ति से ओतप्रोत है। अधिक सार्थक और जीवन शक्ति से भरे चीन-उज्बेकिस्तान संबंध बनाना दोनों देशों के लोगों की आम आकांक्षा है।

शी ने कहा कि चीन उज़्बेकिस्तान के साथ नवीन ऊर्जा वाहनों की संपूर्ण उद्योग श्रृंखला में सहयोग का विस्तार करना, फोटोवोल्टिक, पवन ऊर्जा और जलविद्युत जैसी प्रमुख परियोजनाओं में सहयोग करना, उज़्बेकिस्तान की हरित आर्थिक विकास रणनीति का समर्थन करना और सतत विकास को बढ़ावा देना चाहता है। दोनों पक्षों को सक्रिय रूप से गरीबी उन्मूलन सहयोग को आगे बढ़ाना चाहिए, स्थानीय सहयोग का विस्तार और गहरा करना चाहिए, और लोगों को लाभ पहुंचाने वाली अधिक परियोजनाएं बनानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि चीन और उज़्बेकिस्तान को मानविकी आदान-प्रदान मजबूत करते हुए युवाओं के बीच आवाजाही का समर्थन करना चाहिए। चीन उज़्बेक युवाओं को चीन में पढ़ने के लिए अधिक सरकारी छात्रवृत्ति प्रदान करना चाहता है। साथ ही, चीन उज़्बेकिस्तान के साथ मिलकर समन्वय और सहयोग को मजबूत करते हुए सभी पक्षों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देने, शांगहाई सहयोग संगठन की सही विकास दिशा की संयुक्त रूप से रक्षा करने, चीन-मध्य एशिया शियान शिखर सम्मेलन के परिणामों का कार्यान्वयन करने को तैयार है, ताकि वैश्विक व क्षेत्रीय शासन, और मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय की स्थापना को बढ़ावा दिया जा सके।

बातचीत में मिर्ज़ियोयेव ने कहा कि इस वर्ष उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन को चुना, जिसका महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक महत्व है। उज़्बेकिस्तान चीन के सफल विकास अनुभव से सीखने और आधुनिकीकरण की राह पर एक साथी यात्री बनने को तैयार है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा।

मिर्ज़ियोयेव ने यह भी कहा कि उज़्बेकिस्तान दृढ़ता से एक-चीन सिद्धांत का पालन करता है, चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने वाली बाहरी ताकतों का दृढ़ता से विरोध करता है, और थाईवान, शिनच्यांग, मानवाधिकार जैसे चीन के मूल हितों से जुड़े मुद्दों पर चीन का दृढ़ता से समर्थन करना चाहता है, और चीन के साथ मिलकर 'आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद' तीन ताकतों का संयुक्त रूप से मुकाबला करना चाहता है, ताकि अपने और क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता की रक्षा कर सकें।

वार्ता के बाद, दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने 'नए युग के लिए हर मौसम में व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर चीन और उज़्बेकिस्तान के बीच संयुक्त वक्तव्य' पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा, वे संयुक्त रूप से 'बेल्ट एंड रोड' के सह-निर्माण, वैश्विक विकास पहल, आर्थिक और तकनीकी सहयोग, इंटरकनेक्शन, पर्यावरण संरक्षण, नई ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, मानविकी, कृषि उत्पाद पहुंच आदि क्षेत्रों में सिलसिलेवार सहयोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के साक्षी भी बने।


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