राष्ट्रपति चुनाव : जब हार गया थासत्ता पक्ष का उम्मीदवार
राष्ट्रपति चुनाव मेंअब तक सबसे रोचक और कांटे का मुकाबला 1969 में हुआ था जिसमें सत्ता पक्ष के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था और किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत वोटनहीं मिले थे
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में अब तक सबसे रोचक और कांटे का मुकाबला 1969 में हुआ था जिसमें सत्ता पक्ष के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था और किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत वोट नहीं मिले थे, लिहाजा दूसरी वरीयता के मतों की गिनती के बाद परिणाम घोषित किया गया।
1969 में हुए इस चुनाव में कुल 15 उम्मीदवार खड़े हुये थे। मुख्य मुकाबला सत्तारुढ़ कांग्रेस के नीलम संजीव रेड्डी और निर्दलीय वी वी गिरि के बीच हुआ। दोनों में से कोई भी 50 प्रतिशत वोट हासिल नहीं कर पाया था। कुल 836337 मतों से वी वी गिरि को 401515 (करीब 48 प्रतिशत) तथा श्री रेड्डी को 313548 ( 37.5 प्रतिशत) मत मिले।
एक अन्य उम्मीदवार सी डी देशमुख को 112769 वोट मिले थे। बाद में दूसरी वरीयता के मतों की गिनती के बाद वी वी गिरि को विजेता घोषित किया गया था। अभी तक हुये और किसी चुनाव में ऐसी स्थिति नहीं आयी है।रोचक बात यह है कि 1969 में चुनाव हारने वाले नीलम संजीव रेड्डीबाद में 1977 में हुए चुनाव मेंनिर्विरोध निर्वाचित हुए।


