Top
Begin typing your search above and press return to search.

राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का हुआ ऐलान- भाजपा की खास तैयारी

वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जलाई को समाप्त हो रहा है

राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का हुआ ऐलान- भाजपा की खास तैयारी
X

नई दिल्ली। वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जलाई को समाप्त हो रहा है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने नए राष्ट्रपति के चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार अगर एक से ज्यादा व्यक्ति ने राष्ट्रपति के पद के लिए नामांकन किया तो नए राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा और 21 जुलाई को मतों की गिनती की जाएगी।

वैसे तो अपने राजनीतिक स्टाइल के मुताबिक, चुनाव की तारीख का ऐलान होने से पहले ही भाजपा ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर घेरेबंदी शुरू कर दी थी। देश के वर्तमान राजनीतिक माहौल के हिसाब से दिखा जाए तो फिलहाल देश में दो बड़े गठबंधन अस्तित्व में है। एक , भाजपा के नेतृत्व में एनडीए का गठबंधन है जो फिलहाल केंद्र की सत्ता में है तो वहीं दूसरा गठबंधन कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूपीए है। देश के कई राज्यों में सरकार चला रहे कई क्षेत्रीय दल इन दोनों गठबंधनों से अलग रहकर स्वतंत्र तौर पर राजनीति कर रहे हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले निर्वाचन मंडल के अनुसार इन राजनीतिक गठबंधनों की ताकत की बात करे तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन के पास फिलहाल 23 प्रतिशत के लगभग वोट है, वहीं एनडीए गठबंधन के पास यूपीए के दोगुने से भी ज्यादा लगभग 49 प्रतिशत वोट है। ऐसे में यूपीए के मुकाबले में तो भाजपा को बड़ी बढ़त हासिल है लेकिन अगर विपक्ष ने मिलकर संयुक्त तौर पर कोई उम्मीदवार खड़ा कर दिया और देश के सभी क्षेत्रीय दलों ने उसे अपना समर्थन दे दिया तो तो भाजपा उम्मीदवार के लिए समस्या खड़ी हो सकती है क्योंकि भाजपा विरोधी सभी दलों के एकजुट होने की स्थिति में उनके पास एनडीए से 2 प्रतिशत ज्यादा यानि 51 प्रतिशत के लगभग वोट हो जाते हैं।

इसलिए भाजपा आलाकमान इसी दो प्रतिशत वोट की खाई को पाटने के मिशन में जुट गया है। भाजपा की नजर खासतौर से ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश में सरकार चला रही वाईएसआर कांग्रेस पर है। इसके अलावा भी भाजपा की नजर कई अन्य क्षेत्रीय दलों पर है।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, 15 जून के बाद भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि भाजपा एक ऐसे उम्मीदवार के नाम को फाइनल करना चाहती है जिसके सहारे विपक्षी खेमे के राजनीतिक दलों में भी सेंध लगाई जा सके।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it