राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विद्यार्थियों से किया मानवता के हित में कार्य करने का आग्रह
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज विद्यार्थियों से मानवता के हित में कार्य करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनकी शिक्षा-दीक्षा में समाज और देश का योगदान भी रहता है

अमरकंटक। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज विद्यार्थियों से मानवता के हित में कार्य करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनकी शिक्षा-दीक्षा में समाज और देश का योगदान भी रहता है, इसलिए वह इस ऋण को चुकाने के लिए सदैव तत्पर रहें।
राष्ट्रपति कोविंद ने मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित अमरकंटक के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर देश की प्रथम महिला श्रीमती सबिता कोविंद, मध्यप्रदेश के राज्यपाल ओ पी कोहली और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने मेधावी छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक और उपाधियां प्रदान कीं।
मैं यह अपेक्षा करता हूं कि आप सदैव अपने जीवनकाल में अपने सीखने की जिज्ञासा बनाए रखेंगे और समाज के उत्थान एवं देश की प्रगति में अपना अहम योगदान देते रहेंगे — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 11, 2017
दीक्षांत समारोह शिक्षा का समापन नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी भरे जीवन का आरंभ है। आप सभी अपनी प्रतिभा से सफलता की ऐसी छाप छोड़ें, जिससे पूरे राष्ट्र के सामने इस विश्वविद्यालय को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जा सके — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 11, 2017
इतिहास के प्रवाह में वही विचार धारा बच पाती है जो पूरी मानवता के हित में होती है। आपको मानवता के हित में काम करना है। आप आने वाले समाज के निर्माता हैं — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 11, 2017
आज आप जहाँ भी पहुंचे हैं उसमे किसी न किसी रूप में समाज ने योगदान दिया है। यह आपका कर्तव्य बनता है कि समाज का आप पर जो ऋण है उसे चुकाएं— राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 11, 2017
राष्ट्रपति कोविंद ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से मुखातिब होते हुए कहा कि उनके अध्ययन का कार्य समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि एक नयी जिम्मेदारी का भाव उत्पन्न हुआ है। इन विद्यार्थियों की शिक्षा और दीक्षा में घर परिवार के अलावा समाज, क्षेत्र और देश का भी योगदान रहता है। इसलिए ऐसे विद्यार्थियों को इनका ऋण भूलना नहीं चाहिए और इसे चुकाने का भाव रखकर हमेशा देश, समाज और लोगों के हित में कार्य करने के लिए तत्पर रहना चाहिए।


