राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ऊर्जा की बचत को अहम बताया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत जैसे कृषि प्रधान देश में ऊर्जा की बचत को अहम बताते हुए आज कहा कि यह कमजोर तबके को आर्थिक सुरक्षा का कवच देकर उनके जीवन में बदलाव का माध्यम बन सकती है

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत जैसे कृषि प्रधान देश में ऊर्जा की बचत को अहम बताते हुए आज कहा कि यह कमजोर तबके को आर्थिक सुरक्षा का कवच देकर उनके जीवन में बदलाव का माध्यम बन सकती है ।
बिजली का होना कमजोर तबके के लिए एक आर्थिक सुरक्षा कवच का काम करता है। सुदूर गाँव में कोई मजदूर अपना मोबाइल चार्ज करके दुनिया से जुड़ सकता है, काम खोज सकता है। इस तरह ऊर्जा संरक्षण गरीबों के जीवन में बदलाव का माध्यम भी बन सकता है — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 14, 2017
कोविंद ने यहां आयोजित राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह -2017 को संबोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है इसलिए घर कार्यालय और उद्योग धंधों में बिजली की बचत के प्रति जागरूकता पैदा की जानी चाहिए। दैनिक जीवन में इस्तेमाल होेने वाले उपकरण खरीदते समय भी इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि वे ऊर्जा दक्ष हों ।
Make in India से लेकर Smart Cities बनाने तक ऊर्जा दक्षता हमारे अनेक प्रमुख कार्यक्रमों से जुड़ा हुआ है। भारत में बिजली का एक-तिहाई हिस्सा वाणिज्यिक और आवासीय भवनों में उपयोग किया जाता है। इसलिए भवन निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता का होना बहुत आवश्यक है — राष्ट्रपति कोविन्द
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इन उपायों से बचायी बिजली से कमजोर एवं वंचित तबके को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी आैर उनके जीवन में बदलाव आएगा। बड़े उद्योगों में ऊर्जा दक्षता और संरक्षण से सकल घरेलू उत्पाद में बिजली की खपत कम होगी जिसका फायदा छोटे एवं मंझौले उद्योगों को मिलेगा।
सरकार द्वारा किए गए उच्चस्तरीय ऊर्जा दक्षता संबंधी हस्तक्षेप से बिजली की खपत में पर्याप्त बचत हुई है। सरकार द्वारा किफ़ायती दरों पर एलईडी बल्ब उपलब्ध कराने से इसके उपयोग में बहुत अधिक इजाफा हुआ है जिससे पूरे देश में बिजली की काफी बचत हुई है — राष्ट्रपति कोविन्द
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भवन निर्माण के क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण के उपायों को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि शापिंग मालों में बचायी गयी बिजली से कोल्ड स्टोरेज चल सकेंगे जिससे किसानों की फल एवं सब्जियां खराब नहीं होगीं1 उन्होंने बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उद्योगपतियों का ‘ऊर्जा बैंक ’ स्थापित करने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने सौभाग्य योजना के तहत हर व्यक्ति को बिजली देने के सरकार के संकल्प की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे उन गरीबों ,आदिवासियों और पिछड़े तबके की अंधेरी झोपड़ियों में उजाला पहुंचेगा जो आजादी के 70 वर्ष बाद भी इस मूलभूत जरूरत से वंचित हैं।


