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संसद में व्यवधान पर राष्ट्रपति ने व्यक्त की चिंता

संविधान दिवस के अवसर पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा संविधान लोगों की जिंदगियों का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है

संसद में व्यवधान पर राष्ट्रपति ने व्यक्त की चिंता
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज संसद की कार्यवाही में व्यवधानों पर चिंता व्यक्त की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। संविधान दिवस के अवसर पर एक समारोह में उन्होंने सामाजिक न्याय, प्रौद्योगिकी और समाज कल्याण योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने में आधार कार्ड के महत्व सहित कई अन्य मुद्दों पर बात रखी।

सामाजिक न्याय को विकास की कसौटी के रूप में रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक न्याय का मतलब समाज, अर्थव्यवस्था और राजनीति में समान अवसर मुहैया कराना है।

उन्होंने कहा, "संविधान नागरिकों को सशक्त करता है, जो बदले में संविधान को सशक्त करते हैं।"

उन्होंने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के शीर्ष अदालत के फैसलों का हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषाओं में अनुवाद शुरू कराने के फैसले का स्वागत किया।

न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, "संविधान हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज है। संकट के क्षणों में इसमें दर्ज सभी सलाह हमारे देश के हित में है।"


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