Top
Begin typing your search above and press return to search.

नीतियों के लिए राजनीतिक कीमत चुकाने को तैयार : मोदी

मोदी ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट-2017 में अपनी सरकार की ओर से पिछले साढे तीन वर्षों के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उठाए गए कदमों का ब्योरा देते हुए कहा कि जो उपाय किए गए हैं उनसे बदलाव आया है

नीतियों के लिए राजनीतिक कीमत चुकाने को तैयार : मोदी
X

नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे आरोप प्रत्यारोपों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने तथा देश की बेहतरी के उद्देश्य से उठाए गए कदमों के लिए बड़ी से बड़ी राजनीतिक कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं।

श्री मोदी ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट-2017 में अपनी सरकार की ओर से पिछले साढे तीन वर्षों के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उठाए गए कदमों का ब्योरा देते हुए कहा कि जो उपाय किए गए हैं उनसे बदलाव आया है और देश प्रगति की राह पर तेजी से बढा रहा है। उन्होंने कहा, “ हमारे यहां जो सिस्टम था उसने भ्रष्टाचार को ही शिष्टाचार बना दिया था। कालाधन ही देश के हर बड़े सेक्टर को कंट्रोल कर रहा था। वर्ष 2014 में देश के सवा सौ करोड़ लोगाें ने इस व्यवस्था को बदलने के लिए वोट दिया था। उन्होंने वोट दिया था देश को लगी बीमारियों के परमानेंट इलाज के लिए, उन्होंने वोट दिया था न्यू इंडिया बनाने के लिए। ”

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस दिन देश में ज्यादातर खरीद-फरोख्त, पैसे के लेन-देन का एक तकनीकी और डिजिटल पता हो गया , उस दिन से ही संगठित भ्रष्टाचार काफी हद तक थम गया। उन्होंने कहा, “ मुझे पता है, इसकी मुझे राजनीतिक तौर पर कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन उसके लिए भी मैं तैयार हूं।”

उन्होंने कहा कि जब योजनाओं में गति होती है, तभी देश में प्रगति होती है। उनकी सरकार के पास भी वही साधन और संसाधन हैं लेकिन व्यवस्था में रफ्तार आ गई है। कुछ तो परिवर्तन आया होगा जिसकी वजह से सरकार की तमाम योजनाओं की गति बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो पाया है क्योंकि सरकार नौकरशाही में भी एक नई कार्य-संस्कृति विकसित कर रही है। उसे ज्यादा जवाबदेह बना रही है।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले वर्षों में देशवासियों में पहली बार आत्मविश्वास बढ़ने और सकारात्मकता का माहौल बनने से विकास की नींव मज़बूत हुई है जिससे व्यवस्था में बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि दो साल पहले जब वह इस समिट में आए थे तो विषय था- बेहतर भारत की ओर ,लेकिन आज हम भारत की प्रगति पर बात कर रहे हैं। ये सिर्फ विषय का बदलाव नहीं है। ये देश की सोच में और आत्मविश्वास में आए बदलाव का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि देश में जो सकारात्मक मानसिकता आयी है, वह पहले कभी नहीं थी। उन्हें याद नहीं आता कि गरीबों, नौजवानों, महिलाओं, किसानों और शोषितों-वंचितों ने अपने सामर्थ्य, अपने संसाधन, अपने सपनों पर इतना भरोसा, पहले कभी किया था। उन्होंने कहा , “ हम सब सवा सौ करोड़ भारतीयों ने मिलकर इसके लिए दिन-रात एक किया है। देशवासियों का अपने आप पर भरोसा, देश पर भरोसा, किसी भी देश को ऊँचाइयों पर ले जाने का यही मंत्र है।”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it