उत्तर प्रदेश :सूखे की आशंका के बीच पलायन रोकने को तैयारियां शुरू
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में गर्मियों के आगाज के साथ उपजी सूखे की आशंका से प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया

झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में गर्मियों के आगाज के साथ उपजी सूखे की आशंका से प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया है। इस स्थिति को ध्यान में रखकर ग्रामीणों के पलायन को रोकने के निर्देश जारी किये गये हैं।
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ए दिनेश कुमार ने इस विकट समस्या पर अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मंथन किया और प्रशासनिक मशीनरी को अभी से तैयारियां शुरू करने, ग्रामीणों का पलायन रोकने तथा प्रत्येक पंचायत में रोजाना दो-दो कार्य अनिवार्य रूप से चलते रहने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी योजना लगभग व्यर्थ हो गयी है। समय से श्रमिक बजट न मिलने के कारण जहां जॉबकार्ड धारकों का इस योजना से मोहभंग हो रहा है वहीं विभागीय उदासीनता के चलते कई ग्राम पंचायतों में परियोजनाएं ठप पड़ी हैं।
इस वर्ष सूखा की भी स्थिति बन गई है, जिसको लेकर शासन से लेकर प्रशासन चिंतित है। सूखे की स्थिति से निपटने के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने ग्रामीणों को रोजगार व आर्थिक स्थिति संभाले रखने के लिए मनरेगा के तहत मजदूरी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
सीडीओ ने कहा कि मनरेगा के तहत प्रत्येक दिन हर ग्राम पंचायत में कम से कम दो कार्य अनिवार्य रूप से चलते रहना चाहिए जिससे सभी जॉब कार्डधारकों को रोजगार मिलता रहे।
गौरतलब है कि वर्तमान में जिले की 496 ग्राम पंचायतों में 312 में 1492 कार्य मनरेगा के अंतर्गत चल रहे हैं जबकि शेष पंचायतें सूनी पड़ी हैं और वहां कोई काम नहीं हो रहा है। इसी तरह डेढ़ लाख में से मात्र 11 हजार जॉब कार्डधारकों को ही रोजगार मिल पा रहा है।
बताया गया है कि इनमें बड़ागाँव की 47 में से 14, मऊरानीपुर की 67 में से 37 तथा बामौर में 66 में से 32 ग्राम पंचायतों में ही कार्य चल रहे हैं। इस प्रगति पर मुख्य विकास अधिकारी ने गहरी नराजगी जताई है।


