रामलीलाओं और नवरात्र की तैयारियां अंतिम चरण में, कल से शुरू होंगी प्रस्तुतियां
राजधानी में रामलीलाओं व नवरात्र की तैयारियां इन दिनों जोरों पर है और मंदिरों में साज सज्जा के साथ साथ सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं

नई दिल्ली। राजधानी में रामलीलाओं व नवरात्र की तैयारियां इन दिनों जोरों पर है और मंदिरों में साज सज्जा के साथ साथ सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। दिल्ली की रामलीलाओं में अनूठे प्रयोग की होड़ लगी रहती है। भव्यता, विशिष्टïजनों की आवाजाही, सितारों का जमघट, वाद-विवाद किसी भी तरह चर्चा में रहने वाले रामलीला आयोजकों में सबसे बड़ी चुनौती आकर्षण का केंद्र बनने की होती है। हां, मोबाइल युग के बावजूद रामलीलाओं का आकर्षण दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है।
नवरात्र की तैयारियां, झंडेवालान में जोत के लिए विशेष विभाग
दिल्ली के झंडेवालान बद्री भगत मंदिर में इन दिनों विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं और इस वर्ष रोजाना जहां सुबह की आरती से लेकर शाम को विशेष आयोजनेां की श्रृंख्ला तैयार की गई है वहीं सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध होंगे। यह जानकारी देते हुए न्यासी कुलभूषण आहूजा बताते हैं कि दिल्ली के अलग अलग कोने से ज्योत लेने आने वाले श्रद्घालुओं के लिए विशेष विभाग बनाया गया है। मंदिरों में 21 से 29 सितम्बर तक के लिए विशेष भजन, संगीत, गायन आदि के कार्यक्रम किए गए हैं। दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में गौरी शंकर मंदिर, हरी नगर माता मंदिर, कालका जी मंदिर, छत्तरपुर स्थित आद्या कत्यायनी मंदिरों में श्रद्घालुओं के दर्शनों के लिए भारी संख्या में पहुंचने की संभावनाओं को देखते हुए दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।
पहली बार स्कूली बच्चों द्वारा 20 सितम्बर से होगा रामलीला का मंचन
बाल उत्सव रामलीला आयोजक प्रीतिमा खंडेलवाल कहती हैं, जन जन के हदय मे राम जितनी सहजता से समाए हैं, उनकी लीला का स्वरुप उतना ही विविध है। पीढिय़ों सी चली आ रही राम लीलाएं आज भी परंपरा का रंग समेटे हुए हैं, तो तकनीक कथाक्रम को अधिक रोचक बना देता है। द्वारका की संपूर्ण बाल रामलीला की जानकारी देते हुए वह कहती हैं कि मंचन का शुभारंभ 20 सितम्बर को गणेश वंदना प्रतियोगिता से होगा व 21 सितम्बर को गुजरात का प्रसिद्ध डांडिया होगा। जबकि लीला मंचन के लिए विभिन्न 20 स्कूलों के बच्चें 150 फीट के तीन मंजिले मंच पर प्रस्तुति देंगे। यह मंच खास तरीके से डिजाइन करवाया गया है और इसे आकाश, धरती और पाताल में बांटा गया है।


