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यात्रा पॉलिटिक्स से जनता को लुभाने की तैयारी, जानिए, भाजपा या कांग्रेस किसकी यात्रा में है दम!
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में हर जगह उमड़ी आमजन की भीड़ ने यह साबित कर दिया है। अब इसी से सबक लेकर न केवल प्रदेश कांग्रेस बल्कि भाजपा भी भीड़ जुटाने की कवायद में यात्रा के सहारे जनता के बीच पहुँचेगी।

गजेंद्र इंगले
भोपाल: विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन मध्यप्रदेश में शुरू हो चुका है। इसका शंखनाद भाजपा ने बड़ी बड़ी लीक लुभावनी घोषणाओं से कर दिया है। कांग्रेस और भाजपा जनता को अपनी और खींचने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश में अब यात्रा पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है। कांग्रेस मध्य प्रदेश में जहां हाथ से हाथ जोड़ों यात्रा के सहारे प्रदेशवासियों के बीच पहुंचने का प्रयास कर रही है तो वहीं भाजपा भी कांग्रेस की ही तर्ज पर पांच फरवरी से पूरे प्रदेश में विकास यात्रा निकालेगी जा रही है। हालांकि यह तो वक्त ही बताएगा कि बीजेपी और कांग्रेस में से किसकी यात्रा सफल होती है और किसे प्रदेश की सत्ता की चॉबी मिलती है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव में 2018 में मिली सफलता को दोहराना चाहती है। सफलता हासिल करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा की तर्ज पर हाथ से हाथ जोड़ों यात्रा निकाल रही है। यात्रा की शुरुआत 26 जनवरी को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ कमलनाथ झंडावंदन के साथ कर चुके हैं।
अब भाजपा पांच फरवरी से प्रदेश में विकास यात्रा निकालने जा रही है। इस यात्रा में हर जिले, गांव में बीजेपी के बड़े नेता शामिल होंगे। यात्रा के दौरान आमजनों को प्रदेश सरकार की जनहितैषी योजनाओं से अवगत कराया जाएगा। बीते दिनों राजधानी भोपाल स्थित सीएम हाउस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में विकास यात्रा को लेकर रोडमैप तैयार किया गया। बैठक में प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, तुलसी सिलावट सहित कई मंत्री मौजूद रहे। सभी जिले के कलेक्टरों को विकास यात्रा की जिम्मेदारी दे दी गई है।
मध्य प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा निकाली जा रही विकास यात्रा में मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक भी शामिल होंगे। विकास यात्रा के दौरान जनप्रतिनिधियों की आमसभाओं का भी आयोजन कराया जाएगा। आमसभा के माध्यम से बीजेपी के जनप्रतिनिधि सरकार की योजनाओं से आमजनों को अवगत कराएंगे। लेकिन यह यात्रा भाजपा के लिए एक समस्या भी बनकर सामने आ रही है। जिस क्षेत्र से यात्रा निकलेगी वहां के जनप्रति तो कांग्रेस के विधायक भी हैं। अब यदि सरकार की यात्रा के नाते वे इसमें शामिल होते हैं तो भाजपा सरकार की किरकिरी हो सकती है। क्योंकि कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के यह दायित्व होगा कि वह विपक्ष की भूमिका निभाते हुए भाजपा सरकार की कमियों को उजागर करें।
मतलब साफ है चुनावी समर में भाजपा कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। दोनो के ही सोशल मिडिया प्रभारी दिन भर एक दूसरे पर तंज कसा रहे हैं। लेकिन जनता का समर्थन तो रैली व सभाओं से ही समझ आता है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में हर जगह उमड़ी आमजन की भीड़ ने यह साबित कर दिया है। अब इसी से सबक लेकर न केवल प्रदेश कांग्रेस बल्कि भाजपा भी भीड़ जुटाने की कवायद में यात्रा के सहारे जनता के बीच पहुँचेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस यात्रा पॉलिटिक्स का ऊँट किस करवट बैठता है!
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