Top
Begin typing your search above and press return to search.

जेएनयू के 'लाल दुर्ग' में विवेकानंद की मूर्ति से विचारधाराओं के बैलेंस की तैयारी!

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के अनावरण के बाद एक बार फिर से वामपंथी छात्र सगठनों के इस लाल दुर्ग में विचारधाराओं की लड़ाई की चर्चा छिड़ गई है

जेएनयू के लाल दुर्ग में विवेकानंद की मूर्ति से विचारधाराओं के बैलेंस की तैयारी!
X

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के अनावरण के बाद एक बार फिर से वामपंथी छात्र सगठनों के इस लाल दुर्ग में विचारधाराओं की लड़ाई की चर्चा छिड़ गई है।

वाम विचारधारा के गढ़ वाले इस विश्वविद्यालय में विवेकानंद की मूर्ति लगाए जाने के अब मायने तलाशे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि युवाओं के आइकॉन स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के जरिये कैंपस में विचाधाराओं का बैलेंस करने की कोशिश है। पहली बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह पहल की है। हालांकि, जवाहर लाल नेहरू छात्रसंघ की ओर से इस पहल का विरोध करते हुए इसे संघ के एजेंडे से जोड़ दिया गया। लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपनी निजी विचारधारा को राष्ट्रहित से ऊपर न रखने की अपील की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "किसी एक बात जिसने हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है- वो है राष्ट्रहित से ज्यादा प्राथमिकता अपनी विचारधारा को देना। क्योंकि मेरी विचारधारा ये कहती है, इसलिए देशहित के मामलों में भी मैं इसी सांचे में सोचूंगा, इसी दायरे में काम करूंगा, ये गलत है।"

प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान में विचारधार को लेकर कट्टरता दिखाने वालों के लिए खास संदेश छिपा रहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज तक आपके विचारों की, डिबेट की, डिस्कसन की जो भूख साबरमती ढाबा में मिटती थी, अब आपके लिए स्वामी जी की इस प्रतिमा की छत्रछाया में एक और जगह मिल गई है। उधर, प्रधानमंत्री मोदी की ओर से मूर्ति का अनावरण होने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जेएनयू के छात्रों को बधाई दी।

उन्होंने कहा, "मेरी कामना है कि जेएनयू में लगी स्वामी जी की ये प्रतिमा सभी को प्रेरित कर सतत आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करे।"

जवाहरलाल नेहरू छात्रसंघ ने मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम का विरोध करते हुए इसे संघ के एजेंडे से जोड़ा है। उधर, विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार ने अपने आधिकारिक बयान में मूर्ति लगाने के पीछे वजहें गिनाईं।

उन्होंने कहा, "स्वामी विवेकानंद भारत के सर्वाधिक ज्ञानी महापुरुषों एवं आध्यात्मिक नेताओं में से एक हैं। स्वामी विवेकानंद ने युवकों को आजादी, विकास और शांति एवं सद्भाव का संदेश दिया। जेएनयू के पूर्व छात्रों के समर्थन से विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा लगाई गई है।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it