Top
Begin typing your search above and press return to search.

बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भड़के प्रशांत किशोर, कहा 2-3 पीढियां मजदूरी करने को विवश

बिहार की राजनीति में अपनी पहचान बनाने में जुटे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जनसुराज पैदल यात्रा पर हैं

बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भड़के प्रशांत किशोर, कहा 2-3 पीढियां मजदूरी करने को विवश
X

मोतिहारी। बिहार की राजनीति में अपनी पहचान बनाने में जुटे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जनसुराज पैदल यात्रा पर हैं। इस क्रम में उन्होंने बुधवार को बिहार की शिक्षा व्यवस्था की दयनीय स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि बिहार में खराब शिक्षा व्यवस्था के कारण 2-3 पीढियां मजदूरी करने को विवश होंगी। बुधवार को पदयात्रा के 60 वें दिन प्रशांत किशोर पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल, नोनियाडीह में मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि अबतक पदयात्रा के माध्यम से वे लगभग 650 किलोमीटर से अधिक पैदल चल चुके हैं।

उन्होंने बिहार के कृषि और किसानों की बदहाल स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति कृषि के क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की हैं। कुछ राज्यों के आंकड़ों की तुलना करते हुए उन्होंने बताया कि केरल में मजदूरों को 700 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिलती है और बिहार में 200 रुपये मिलती है। पंजाब के मुकाबले बिहार के किसानों की कमाई बहुत कम है।

उन्होंने कहा कि अगर बिहार सरकार किसानों की फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीद लिया जाए तो यहां के किसानों को हर साल 25 से 30 हजार करोड़ का मुनाफा होगा। उन्होंने बताया कि इस वक्त बिहार के किसानों के हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बिहार में केवल 1 प्रतिशत गेंहू और 13 प्रतिशत धान समर्थन मूल्य पर बिक रहा है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में समतामूलक शिक्षा व्यवस्था बनाने के चक्कर में शिक्षा का बेड़ा गर्क कर दिया है। शिक्षा के लिए जरूरी बिल्डिंग, शिक्षक और विद्यार्थियों का समायोजन नहीं है। स्कूल केवल खिचड़ी बांटने का सेंटर है।

प्रशांत किशोर ने जन सुराज की सोच के माध्यम से विकसित बिहार को लेकर अपनी प्राथमिकताओं को साझा करते हुए बताया कि उनका प्रयास है कि देश के 10 अग्रणी राज्यों में बिहार शामिल हो। विकास के ज्यादातर मानकों पर अभी बिहार 27 वें या 28 वें स्थान पर है। 50 के दशक में बिहार की गिनती देश के अग्रणी राज्यों में होती थी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it