Top
Begin typing your search above and press return to search.

मप्र में प्रहलाद लोधी को हाईकोर्ट से राहत, विधायकी पर संशय

मध्यप्रदेश के जबलपुर उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता प्रह्लाद लोधी को बड़ी राहत दी है और उन पर विशेष अदालत द्वारा दो साल की सुनाई गई सजा पर स्थगन दे दिया है

मप्र में प्रहलाद लोधी को हाईकोर्ट से राहत, विधायकी पर संशय
X

जबलपुर/भोपाल। मध्यप्रदेश के जबलपुर उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता प्रह्लाद लोधी को बड़ी राहत दी है और उन पर विशेष अदालत द्वारा दो साल की सुनाई गई सजा पर स्थगन दे दिया है। स्थगन के बाद लोधी की विधायकी पर संशय गहराया हुआ है, क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति लोधी की सदस्यता खत्म किया जाने की अधिसूचना पहले ही जारी कर चुके हैं। जबलपुर उच्च न्यायालय के सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति विष्णु प्रताप सिंह की एकलपीठ ने भाजपा नेता प्रहलाद लोधी को सात जनवरी तक के लिए अंतरिम राहत दी है। लोधी को भोपाल की विशेष अदालत ने तहसीलदार से मारपीट के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी, उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर लोधी की सदस्यता को खत्म कर दिया था।

लोधी विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय गए, जहां से उन्हें दो साल की सजा के फैसले पर स्थगन मिल गया है।

उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद से लोधी की विधायकी को लेकर संशय बढ़ गया है। भाजपा जहां दावा कर रही है कि लोधी विधायक रहेंगे, वहीं कांग्रेस उनकी विधायकी रद्द किए जाने की बात कह रही है। साथ ही विधानसभा ने उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला लिया है।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश ने यह साबित कर दिया कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लिया गया निर्णय राजनीतिक, द्वेषपूर्ण एवं अपरिपक्व है। इस निर्णय ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस की सरकार बहुमत हासिल कर ले, इसके लिए कांग्रेस किसी भी स्थिति तक जाने के लिए तैयार है।

लोधी को हाईकोर्ट से राहत मिलने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और न्याय के मंदिर में हमें न्याय मिला है। विधानसभा अध्यक्ष ने पार्टी के दबाव में अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर, जल्दबाजी में लोधी की बर्खास्तगी का गलत निर्णय लिया था। अब उच्च न्यायालय ने स्टे दे दिया है और लोधी की विधानसभा की सदस्यता बरकरार रहेगी।

वहीं, कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा का कहना है कि हाईकोर्ट के स्थगन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जाएगी।

इसी साल 31 अक्टूबर को सांसदों, विधायकों के मामलों की सुनवाई कर रहे भोपाल के विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह की खंड परकोर्ट ने भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी सहित 12 लोगों को बलवा, मारपीट और गाली-गलौज करने के मामले में दोशी करार देते हुए दो साल की जेल और 3,500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसी फैसले को अपील में चुनौती दी गई थी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it