Begin typing your search above and press return to search.
प्रज्ञा ठाकुर की मांग, वफ्फ बोर्ड की तरह बने सनातन बोर्ड, अखिल भारतीय संत समिति असहमत
यह विडंबना है कि हमारे सनातनी देवताओं के मंदिर ट्रस्ट बन गए हैं और फिर वे सरकार के हाथों में चले जाते हैं। अब वे इससे मुक्त हो और मंदिरों और मठों में जो दान एकत्र होता है उसका उपयोग हिन्दुओं के विकास में, मन्दिरों के निर्माण में और सनातन धर्म की उन्नति में हो।

गजेन्द्र इंगले
भोपाल: अपने धार्मिक कट्टर बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाली भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर अपने बयान से सनसनी फैला दी है। उन्होंने कहा कि वफ्फ बोर्ड़ की तरह है सनातन बोर्ड बनना चाहिए। हालांकि प्रज्ञा ठाकुर के सनातन बोर्ड बनाने के बयान पर अखिल भारतीय संत समिति ने असहमति जताई है। समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदुओं को किसी बोर्ड की आवश्यकता नहीं है।
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि “हिंदू अपने नियम-कायदों का पालन करते हैं, अपने धर्म की बात करते हैं, अपने धर्म में रहते हैं और कहीं भी किसी का विरोध नहीं करते हैं। यह विडंबना है कि हमारे सनातनी देवताओं के मंदिर ट्रस्ट बन गए हैं और फिर वे सरकार के हाथों में चले जाते हैं। अब वे इससे मुक्त हो और मंदिरों और मठों में जो दान एकत्र होता है उसका उपयोग हिन्दुओं के विकास में, हिन्दू बालकों की शिक्षा में, मन्दिरों के निर्माण में और सनातन धर्म की उन्नति में हो। इसलिए जरूरत पड़ने पर सनातन बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए।”
प्रज्ञा ठाकुर के बयान से असहमति जताते हुए स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि बीते अक्तूबर में जब देश भर के संत दिल्ली में बैठे थे तो हमने यह निर्णय लिया कि भारतीय संविधान में समानता के मूल अधिकार का हनन करने वाला कोई भी कानून हिंदू समाज स्वीकार नहीं करेगा। हमें किसी वक्फ बोर्ड की कतई आवश्यकता नहीं है। प्रज्ञा ठाकुर के बयान ने देश मे एक नई बहस को जन्म दे दिया है।
Next Story


