प्रधान ने कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर ओडिशा के मुख्यमंत्री की आलोचना की
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने रविवार को राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की आलोचना की

भुवनेश्वर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने रविवार को राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की आलोचना की। प्रधान ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा, "एक प्रभावशाली कैबिनेट मंत्री नबा दास की 29 जनवरी को हत्या कर दी गई। हालांकि, किसी को भी इस बारे में कोई सुराग नहीं है कि एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें क्यों मारा।"
प्रधान ने कहा, "मुख्यमंत्री, जिनके पास गृह विभाग भी है, इस घटना पर चुप हैं, जबकि डीजीपी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में बहुत कुछ बताता है।"
उड़ीसा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में अपराध शाखा की जांच पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा : "न्यायाधीश को जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत नियुक्त नहीं किया गया था। सेवानिवृत्त न्यायाधीश की जिम्मेदारी और शक्ति के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, बीच में कुछ लोग (बीजू जनता दल के नेता) कह रहे हैं कि अपराध शाखा की जांच चल रही है। लेकिन अपराध शाखा की जांच पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मामले की जांच किसी तीसरे पक्ष द्वारा की जानी चाहिए।
मंत्री की हत्या केवल एक मामला नहीं है, राज्य में कानून और व्यवस्था के कई अन्य मामले हुए हैं, उन्होंने दोहरे हत्याकांड और आनंद टप्पो हत्याकांड और बीजद विधायक के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले का जिक्र करते हुए कहा, जहां एफआईआर उड़ीसा उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही दर्ज किए गए थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, सिर्फ दो दिन पहले, बालासोर के एक उपजिलाधिकारी और उनके चालक पर बालू माफिया ने हमला किया था, जब अधिकारी अवैध रेत खनन को रोकने जा रहे थे। ये सभी घटनाएं ओडिशा में 'अराजकता' को दर्शाती हैं।
उन्होंने कहा, ओडिशा में क्या चल रहा है? सत्ता किसके हाथ में है? राज्य पर कौन शासन कर रहा है?
इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक नरसिंह मिश्रा ने हत्या के मामले में अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की।
मिश्रा ने कहा, हमें ओडिशा पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है। हालांकि राज्य में कई सक्षम अधिकारी हैं, लेकिन सरकार उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति नहीं दे रही है।


