एटीके और चेन्नइयन के लिए अहम साबित होंगे प्रबीर और चांग्ते
आईएसएल के छठे सीजन के फाइनल में शनिवार को यहां जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कई अंडरकरेंटस खिलाड़ी विपक्षी टीम की चक्रव्यूह को तोड़ने उतरेंगे

फातोर्दा (गोवा)। हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के छठे सीजन के फाइनल में शनिवार को यहां जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कई अंडरकरेंटस खिलाड़ी विपक्षी टीम की चक्रव्यूह को तोड़ने उतरेंगे। चेन्नइयन के लालियांजुआला चांग्ते अपने लेफ्ट फ्लैंक से शानदार सीजन का आनंद ले रहे हैं और वह अब तक सात गोल में अपना योगदान दे चुके हैं। वास्तव में उनके नाम इस अभियान में एक भारतीय खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा गोल की शुरूआत करने का रिकॉर्ड है।
एटीके के लिए भी वही लेफ्ट फ्लैंक के रूप में मौजूद प्रबीर दास होंगे। बंगाल में जन्मे इस खिलाड़ी ने इस सीजन में खुद को फिर से पुन: खोज के रूप में विकसित किया है और वह अब तक पांच असिस्ट कर चुके हैं।
दोनों खिलाड़ियों को अपनी-अपनी टीम की रणनीति को देखते हुए किसी एक के पास शनिवार को आईएसएल ट्रॉफी के साथ इस सीजन को अलविदा कहने का मौका होगा।
चांग्ते का चेन्नइयन में आना उसके लिए बहुत बड़ी कामयाबी है और 22 वर्षीय खिलाड़ी अब अपने सर्वश्रेष्ठ सीजन का आनंद ले रहे है। वह एक इच्छुक धावक है, जो ओवेन कोएल की टीम के लिए
मौजूदा समय में शानदार आक्रमण है।
चांग्ते की बिजली जैसी गति और फूर्तिली चाल उन्हें दूसरों के लिए अधिक मुश्किल बनाता है। उन्होंने सीजन के खत्म होने के साथ फिनिशिंग में काफी सुधार किया है और अक्सर खुद को सही समय पर सही जगह पर पाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चांग्ते के अधिकांश गोल चेन्नइयन के महत्वूर्ण मैचों में आए हैं और इनमें एफसी गोवा के खिलाफ चेन्नइयन के प्लेआफ मैच के दो गोल भी शामिल है।
कोएल ने कहा," वह (चांग्ते) उनमें से एक रहे हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत की है। चांग्ते काफी मुश्किल चीजों को काफी आसानी से करते हैं। फुटबाल में लाइनों के पीछे से घुसना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन वह इसे आसानी से करते है। वह टीम के लिए बहुत मेहनत करते है। "
प्रबीर भी राइट विंग के रूप में एटीके के लिए हमेशा एक विकल्प के रूप में मौजूद हैं। उनके पास भी गति की कोई कमी नहीं है और वह भी इसे अच्छे से उपयोग करते है। 26 वर्षीय खिलाड़ी
एटीके के मैचों में एक नियमित खिलाड़ी है।
प्रबीर का हालांकि मुख्य हथियार उनका क्रॉस है। बॉक्स में उनका शॉट बहुत खतरनाक माना जाता है और एटीके के फॉरवर्ड रॉय कृष्णा और डेविड विलियम्स इस बात को अच्छी तरह से जानते होंगे।
कृष्णा और विलियम्स ने अपने क्रॉस से बेंगलुरू एफसी के खिलाफ प्ले-ऑफ मुकाबले में गोल करके एटीके को शानदार वापसी दिलाई थी।
एटीके के कोच एंटोनियो हबास ने बेंगलुरू एफसी के खिलाफ सेमीफाइनल मैच के बाद कहा था, "प्रबीर और विलियम्स बहुत ही उच्च स्तर पर खेले। जब आप जीतते हैं तो आपके पास नायक होते है। वहां दो है। पहला गोल (कृष्ण द्वारा) बहुत ही मुश्किल था। प्रबीर शानदार थे।"
संयोग से, प्रबीर और चांग्ते दोनों अपना काम डिफेंसिव रूप से भी करते हैं। प्रबीर शायद थोड़ा ज्यादा करते हैं और एक विंग-बैक के रूप में उनकी भूमिका के लिए उन्हें धन्यवाद। हालांकि, चांग्ते भी ज्यादा पीछे नहीं रहते हैं और वह भी नियमित रूप से लेफ्ट बैक से जेरी लालरिंजुआला की मदद करते हुए अकसर देते जाते हैं।
इसके अलावा चांग्ते और प्रबीर का आक्रामक स्किल्स भी फाइनल में महत्वपूर्ण होने जा रहा है। एक दूसरे को पीछे छोड़ने की कोशिश में उनका डिफेंसिव रवैया भी काफी महत्वपूर्ण होगा। यह एक ऐसा मुकाबला होने जा रहा है, जिसमें उत्साह और रणनीति अपनी चरम सीमा पर होगी।


