Top
Begin typing your search above and press return to search.

पीपीटी ने म्यांमार को रोहिंग्या नरसंहार का दोषी बताया

अंतर्राष्ट्रीय पीपुल्स ट्रिब्यूनल ने रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ नरसंहार के लिए म्यांमार को शुक्रवार को दोषी ठहराया

पीपीटी ने म्यांमार को रोहिंग्या नरसंहार का दोषी बताया
X

कुआलालंपुर। अंतर्राष्ट्रीय पीपुल्स ट्रिब्यूनल ने रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ नरसंहार के लिए म्यांमार को शुक्रवार को दोषी ठहराया और कहा कि म्यांमार की सेना द्वारा 'सुनियोजित तरीके से नागरिकों को निशाना बनाने' को और उनके दूसरे कृत्यों को युद्ध अपराध माना जाना चाहिए।

रोहिंग्या के खिलाफ राज्य में हो रहे कथित अत्याचार व अपराध पर सुनवाई कर रही परमानेंट पीपुल्स ट्रिब्यूनल (पीपीटी) की एक सात सदस्यीय पीठ ने कहा कि म्यांमार सेना 'आधिकारिक कर्तव्यों के संदर्भ' में अपराध कर रही है।

ट्रिब्यूनल के फैसले में कहा गया है, "प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर ट्रिब्यूनल सहमति से इस फैसले पर पहुंचा है कि म्यांमार का कचिन लोगों व दूसरे मुस्लिम समूहों के नरसंहार का इरादा है। म्यांमार रोहिंग्या समूह के खिलाफ हो रहे नरसंहार का दोषी है। इसके अलावा रोहिंग्या के खिलाफ नरसंहार जारी है और इसे रोका नहीं गया तो भविष्य में नरसंहार के हताहतों की संख्या ज्यादा हो सकती है।"

पीपीटी ने कुआलालंपुर में यह सुनवाई ऐसे समय में आयोजित की और म्यांमार के पीड़ितों को सुना है, जब अपने देश में हो रहे उत्पीड़न से बचने के लिए लाखों रोहिंग्या मुस्लिम पलायन कर गए हैं। पलायन कर चुके रोहिंग्या मुसलमानों के बयानों को 18 सितंबर से 22 सितंबर तक मलाया विश्वविद्यालय के कानून संकाय में दर्ज किया गया। इसके लिए कानून संकाय में अदालत जैसी व्यवस्था की गई थी।

रोम आधारित पीपीटी ट्रिब्यूनल का मकसद रोहिंग्या के खिलाफ कथित अमानवीय व्यवहार को उजागर करना और उनके खिलाफ अपराध को रोकना है।

ट्रिब्यूनल के फैसले को खास तौर से संयुक्त राष्ट्र सहित अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को भेजा जाएगा, जिससे म्यांमार में हिंसा खत्म करने के लिए आगे के कदम उठाए जाएं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it