पावर यूटिलिटीज नई डिजिटल तकनीकों के साथ तेजी से हो रहा बदलाव
पॉवर यूटिलिटीज इनोवेशन्स और आधुनिक डिजिटल तकनीकों के साथ तेजी से बदल रही हैं, जो आने वाले समय में उपभोक्ताओं, साझेदारों व कर्मचारियों को प्रभावित करेंगे, यह कहना है ग्लोबल एनर्जी विशेषज्ञों का

ग्रेटर नोएडा। पॉवर यूटिलिटीज इनोवेशन्स और आधुनिक डिजिटल तकनीकों के साथ तेजी से बदल रही हैं, जो आने वाले समय में उपभोक्ताओं, साझेदारों व कर्मचारियों को प्रभावित करेंगे, यह कहना है ग्लोबल एनर्जी विशेषज्ञों का।
डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ आगे बढ़ने के लिए उन्हें आधुनिक तकनीकों पर काम करते रहना होगा, तभी वे इस प्रतिस्पर्धी वातावरण में आगे बढ़ सकेंगे, कानूनी एवं विनियामक बाधाओं का सामना कर सकेंगे, ऑपरेटिंग लागत में कमी ला सकेंगे तथा उर्जा सेवा प्रदाताओं के लिए कारोबार के आधुनिक मॉडल प्रस्तुत कर सकेंगे।
इसके अलावा, बाजार के विभिन्न कारक जैसे नव्यकरणी उर्जा स्रोतों के बढ़ते रूझान यूटिलिटीज को उनके दायरे से बाहर जाकर सोचने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। तीन दिवसीय विश्वस्तरीय सम्मेलन व इलेक्ट्रिसिटी के लिए दुनिया के सबसे बड़े शो इलेक्रामा 2018 में विशेषज्ञों ने बताया। उद्घाटन सत्र के दौरान 300 से अधिक प्रतिनिधि मौजूद थे, जिसकी अध्यक्षता महाराष्ट्र सरकार के प्रधान सचिव (उर्जा) अरविंद सिंह ने की।
सम्मेलन में शिरकत करने वाले अन्य दिग्गजों में श्रीगोपाल काबरा, इण्डियन इलेक्ट्रिकल एण्ड इलेक्ट्रोनिक्स मैनुफैक्चरर्स एसोएिशन के अध्यक्ष विजय करिया, चेयरमैन, इलेक्रामा, विक्रम गंडोत्रा, संयोजक, वर्ल्ड यूटिलिटी समिट, सैफुर रहमान, प्रेज़ीडेन्ट, यूएस आधारित आईईईई पावर एण्ड एनर्जी सोसाइटी, जैस्पर विक, हैड, डिपार्टमेंट फॉर इकोनोमिक एण्ड ग्लोबल अफेयर्स, जर्मन दूतावास, नई दिल्ली व आर. नागराज, चेयरमैन, वर्ल्ड यूटिलिटी समिट।
इलेक्रामा में प्रदर्शित टेकनोलॉजी इसी आधुनिक बदलाव के लिए आधुनिक उपकरण प्रस्तुत करती है। विशेषज्ञों ने बताया कि निष्पक्ष एवं पारदर्शी विनियामक ढांचा इन यूटिलिटीज को उपभोक्ताओं को हितों को सुरक्षित रखते हुए आधुनिक बदलावों में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। आने वाले समय में विभिन्न कारकों के चलते यूटिलिटीज की परिभाषा बदल जाएगी।
भावी यूटिलिटीज़ इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मशीन लर्निंग, आर्टीफिशियल इन्टेलीजेन्स व नई तकनीकों से लैस होंगी, जिनका प्रदर्शन ईटेक नेक्सटेट इलेक्रामा में किया गया है। ये इनोवेशन्स प्रणाली में पारदर्शिता लाकर उपभोक्ताओं को किफायती दरों पर बेहतर सेवाएं प्रदान करेंगे।
बिजली के उपकरणों, मशीनरी के निर्माण में इनोवेशन्स तथा उर्जा दक्षता प्रोग्रामों का संयोजन निर्माताओं को आने वाले समय में कई गुना प्रभावी बना देगा। आगामी दशकों में इलेक्ट्रिक वाहनों के चलते दुनिया भर में तेल की मांग बेहद कम हो जाएगी। इलेक्रामा में बड़ी संख्या में ई-स्कूटरों, ई-रिक्शा व अन्य ई-वाहनों का प्रदर्शन किया गया है।
कार निर्माताओं ने इलेक्ट्रिक कारों का व्यापक पोर्टफोलियो प्रस्तुत किया है। इसके अलावा दुनिया भर के उभरते बाजारों में ऊर्जा भंडारण 40 फीसदी सालाना की दर से बढ़ने की उम्मीद है।


