Top
Begin typing your search above and press return to search.

पावर कंपनी के निजीकरण का प्रयास: कांग्रेस

रायपुर ! प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एम.ए. इकबाल ने कहा है कि पावर कंपनी की खस्ताहाल आर्थिक स्थिति है फिर भी जो 4 नये डायरेक्टर्स की नियुक्ति करने जा रही है।

पावर कंपनी के निजीकरण का प्रयास: कांग्रेस
X

रायपुर ! प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एम.ए. इकबाल ने कहा है कि पावर कंपनी की खस्ताहाल आर्थिक स्थिति है फिर भी जो 4 नये डायरेक्टर्स की नियुक्ति करने जा रही है। जिसके लिये 4 सदस्यीय चयन समिति का गठन किया गया है। जिसकी बैठक 13 फरवरी को होने वाली है। इस चयन समिति की अनुशंसा पर राज्य शासन डायरेक्टर्स की नियुक्ति आदेश जारी करेगी। इससे प्रदेश की गरीब जनता पर और बोझ पड़ेगा। इससे पहले भी 2016 में डायरेक्टर्स की नियुक्ति के लिये ज्ञापन निकाला गया था जो विवादों में फस गया जिसका कारण कंपनी के कुछ खास लोगो से सांठगांठ कर उपकृत करने के लिये डायरेक्टर बनाने के लिये आरोप लगा था। विवादो की वजह से उस समय इसे निरस्त कर दिया गया था। अब वही प्रक्रिया उन्हीं लोगो के लिये जिन्हे उपकृत करना है उनकी अर्हताओं को ध्यान में रखकर भर्ती किये जाने का कार्य चल रहा है। इससे अच्छा यह होता कि विभागीय इंजीनियर्स को ही पदोन्नति देकर डायरेक्टर बनाया जाता तो अलग से वेतन, भत्ते के खर्च से भी कंपनी बच जाती।
पब्लिक से प्रायवेट कंपनी बनाए जाने का मुख्य कारण भी पावर कंपनियों के घाटे में होने का एक प्रमुख वजह है। कांग्रेस पार्टी ने आशंका जताए है कि पावर कंपनी और राज्य शासन अपने चहेते लोगो को लाभ पहुंचाने के लिये 4 डायरेक्टर्स की नियुक्ति करने जा रही है, जो पावर कंपनी और राज्य शासन की मनमानी का प्रतीक है। इनकी नियुक्ति से करोड़ों रू. का भार कंपनी पर पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी यह प्रश्न करती है कि क्या इन चार डायरेक्टरों की नियुक्ति से पावर कंपनी की कार्यप्रणाली में सुधार आ जाएगा या कंपनी लाभ में आ जाएगी? ऐसा नहीं है इनकी नियुक्तियों से इनके वेतनभत्तों के खर्च का बोझ अलग जनता पर पड़ेगा। इसी प्रकार जब से उत्पादन कंपनी में नए एमडी की पदस्थापना हुई है तब से मढ़वा प्लांट सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है फलस्वरूप कंपनी को निरंतर नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इसी तरह कंपनी ने अयोग्य लोगो को एमडी के पदो पर नियुक्त कर दिया है और उनके सेवाकाल में एक्सटेंशन दे दिया है, जिससे कंपनी घाटे की स्थिति में चल रही है। इन सभी कारणों का हवाला देकर सरकार पावर कंपनी को निजीकरण करने की दिशा में ले जाने का प्रयास कर रही है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it