गरीबी का इस तरह उड़ाया जा रहा मजाक
मध्य प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों के राशन कार्ड बने हुए हैं

जावरा/रतलाम। मध्य प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों के राशन कार्ड बने हुए हैं। जिसके जरिए वे प्रति माह एक रुपए किलो की दर से गेहूं, चावल के अलावा शासन द्वारा प्रदत्त सुविधा का लाभ उठा रहे हैं वहीं यहां भाजपा शासित नगर पालिका द्वारा गरीबों का मजाक उड़ाने का अभियान शुरु किया गया है।
एक स्थानीय पत्रकार ने बताया कि नगर पालिका परिषद जावरा ने नगर में गरीबों का मजाक उड़ाने का अभियान चला रखा है। उन्होने बताया कि नगर के ऐसे हितग्राही जिनके गरीबी रेखा के नीचे के राशन कार्ड बने हुये हंै, उनके मकानों पर 'मै गरीब हूँÓ लिखकर उनकी गरीबी का मजाक उड़ाया जा रहा है। इस मामले में अभी तक किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज होने की पुष्टि नहीं की गई है। उल्लेखनीय है, कि इससे पूर्व मध्यप्रदेश के कुछ अन्य नगरों में भी पहले इस तरीके का अभियान चलाया जा चुका है।
भाजपा शासित एक अन्य राज्य राजस्थान के दौसा जिले में भी इस तरह का अभियान चलाया जा रहा है, जहां गरीबों के घरों की दीवार पर लिखा जा रहा है मैं गरीब परिवार से हूँ और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गेहूं लेता हूँ। प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान से गरीब परिवार शर्मिन्दगी महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस ने अब इस मामले में राजस्थान सरकार को निशाने पर लिया है। वहीं सरकार ने सफाई दी है, कि कांग्रेस की सरकार के समय ऐसे कई लोगों को गरीबी रेखा कार्ड धारक बना दिया गया था जो इसके पात्र नहीं थे। अब इन अपात्र लोगों को इस योजना से बाहर करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।


