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पोस्टपेड मोबाइल फोन चालू होने की खुशी नहीं है बहुतेरे चेहरों पर क्योंकि बिल जमा न होने से कनेक्शन काटे जा चुके हैं

केंद्र सरकार के आदेशों पर 40 लाख के करीब पोस्टपेड मोबाइल फोनों की घंटी बजाने की कवायद तो आरंभ हुई लेकिन यह कवायद बहुतेरों के चेहरों पर कोई खुशी नहीं ला पाई

पोस्टपेड मोबाइल फोन चालू होने की खुशी नहीं है बहुतेरे चेहरों पर  क्योंकि बिल जमा न होने से कनेक्शन काटे जा चुके हैं
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--सुरेश एस डुग्गर--

जम्मू। करीब 72 दिनों के बाद कश्मीर में संचारबंदी को आंशिक तौर पर खत्म करते हुए केंद्र सरकार के आदेशों पर 40 लाख के करीब पोस्टपेड मोबाइल फोनों की घंटी बजाने की कवायद तो आरंभ हुई लेकिन यह कवायद बहुतेरों के चेहरों पर कोई खुशी नहीं ला पाई है क्योंकि अभी भी 40 लाख में से 75 प्रतिशत पोस्ट पेड कनेक्शन नेटवर्क की समस्या से दो चार तो हो रहे हैं, दो महीनों से बिल न भर पाने के कारण उनकी सेवाएं रोकी जा चुकी हैं।

यही कारण था कि कश्मीर में खासकर श्रीनगर में बीएसएनएल, एयरटेल, जियो आदि मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के कार्यालयो ंके बाहर लंबी लंबी लाइनें लगी हुई हैं। यह लाइनें अपने मोबाइल के बिलों का भुगतान करने और उनके प्रति जानकारी लेने के लिए हैं।

दरअसल कश्मीर मे इंटरनेट सेवा भी पिछले 72 दिनों से रोकी जा चुकी है। ऐसे मंें मोबाइल बिलों को रिचार्ज करना सबसे बड़ी सिरदर्द साबित हो रहा है। यही कारण था कि गंदरबल का रहने वला मोहसिन खान पोस्टपेड चल पाने की खुशी प्रकट नहीं कर पा रहा था क्योंकि उसके फोन पर आई काल ने उसे सेवा पुनः चालू करवाने के लिए पहले बिल अदा करने के लिए कहा था।

इन केंद्रों पर भुगतान के लिए आए कश्मीरियों को इंटरनेट न होने का दर्द भी साल रहा है क्योंकि सभी भुगतान नगद में लिए जा रहे हैं और कई बिना नगदी के लिए इस सोच में भुगतान के लिए चले गए थे कि शायद उनके कार्ड से भुगतान हो जाए।

हालांकि कुछेक कश्मीरी अपनी पोस्टपेड मोबाइलों के बिलों के भुगतान के लिए जम्मू तथा अन्य शहरों मंें रहने वाले अपने दोस्तों से मिन्नतें कर रहे हैं ताकि वे उसका आन लाइन या फिर भुगतान केंद्रों से भुगतान कर उन्हें भी मोबाइल फोन चलने की खुशी का भागीदार बनने में मदद करें।

इतना जरूर था कि विभिन्न मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के केंद्रों पर बिलों के भुगतान, नए पोस्ट पेड कनेक्शनों को खरीदने तथा बिलों के बारे में जानकारी के लिए जुटने वाली भारी भरकम भीड़ ने सुरक्षाबलों के लिए सुरक्षा की चुनौती भी पैदा कर दी है। एक सुरक्षाधिकारी के मुताबिक, ऐसे मंें कोई हादसा हो सकता है क्योंकि आतंकी लोगों की ऐसी खुशी को बर्दाशत नहीं कर पा रहे हैं।


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