महारानी एलीजाबेथ द्वितीय के राज्यारोहण व वर्षगंाठ पर डाक टिकट जारी
नगर में पाँच दिवसीय प्रदर्शनी में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राज्यारोहण व वर्षगांठ के अवसर पर जारी डाकटिकट, सिक्के व अन्य वस्तुओं कि प्रदर्शनी लगाई गई
रायपुर। नगर में पाँच दिवसीय प्रदर्शनी में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राज्यारोहण व वर्षगांठ के अवसर पर जारी डाकटिकट, सिक्के व अन्य वस्तुओं कि प्रदर्शनी लगाई गई। 100 फ्रेम की यह प्रदर्शनी शहर के मध्य गास मेमोरियल हाल में लगाई गई। यह प्रदर्शनी आदित्य प्रताप सिंह एन्टर्टेन्मन्ट द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें डा भानु प्रताप सिंह के संग्रह से इन वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राज्यारोहण वर्ष 1953 में उनके पिता किंग जार्ज 6 के देहांत के बाद हुआ था। इस अवसर पर विभिन्न कामनवेल्थ देशों द्वारा जारी डाक टिकट, सिक्के व अन्य वस्तुएं जारी की गई थी। इनमें एक ही डिजाइन के जिन्हें अंग्रेजी में ओमनीबस कहा जाता है, भी जारी किया गया था। बाद में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राज्यारोहण के 20 वीं (1973), 25 वीं (सिलवर जूबली 1977-78), 40 वीं (1993-94), 50 वीं (गोल्डन जूबली 2002-2003), 60 वीं (प्लैटिनम जूबली 2012-2013), व 65 वीं (डायमण्ड जूबली 2017-18) सालगिरह में भी लगभग 100 देशों द्वारा जारी डाक टिकट को भी प्रदर्शित किया गया।
रायपुर निवासी डा. भानु प्रताप सिंह, ने इन वस्तुओं का संग्रह 9 वर्ष की आयु से शुरु किया था। वह ब्रिटिश शासकों के राज्यारोहण व विभिन्न वर्षगांठ की वस्तुएं संग्रहित करते हैं। उनके संग्रह में किंग जार्ज पंचम, किंग जार्ज-6 तथा महारानी एलिजाबेथ से सम्बंधित वस्तुओं का संग्रह मौजूद है। डा सिंह ने बताया कि कई देशों नें इन अवसरों पर सिक्के भी जारी किए, साथ ही उन्हें प्रथम आमरण दिवस में उपयोग किया। इस प्रदर्शनी में डाकटिकट व सिक्कों के अलावा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बचपन से लेकर वर्तमान तक के चित्र के साथ-साथ उनके जीवन के विभिन्न आयामों को दर्शाने के लिए समुचित चित्र (कोलाज) का भी प्रदर्शन किया गया है। साथ ही डा भानु प्रताप सिंह व आदित्य प्रताप सिंह द्वारा लिखित पुस्तिका का भी अनावरण किया गया।
डा सिंह ने बताया की इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित संग्रह उनके संग्रह का मात्र एक छोटा हिस्सा ही है।इस प्रदर्शनी को देखने स्पिलिट विला-9 फेम, टेलीविजन कलाकार व माडल मार्टिन थरियन भी आई थी, जो इस प्रदर्शनी को देखकर काफी अचम्भित व प्रभावित दिखीं।
उन्होंने कहा कि किसी एक विषय पर इतना बड़ संग्रह वह अपने जीवन में पहली बार देख रहीं हैं।डा. भानु प्रताप ने कहा कि यह प्रदर्शनी उनके ही व्ययों से लगाई गई, तथा इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के मध्य डाक टिकट व सिक्का संग्रहन को बढ़ावा देना है।


