आबादी क्षेत्र घोषित मामला: मायावती के खिलाफ नोटिस जारी
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कृषि भूमि को आबादी क्षेत्र की भूमि घोषित किये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, उसके भाई, भतीजा समेत कई अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी किया है।
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कृषि भूमि को आबादी क्षेत्र की भूमि घोषित किये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, उसके भाई, भतीजा समेत कई अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी किया है।
गौतमबुद्धनगर निवासी संदीप भाटी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। दायर याचिका में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के गांव बादलपुर में गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत से 47433 वर्ग मीटर कृषि भूमि को आबादी क्षेत्र घोषित किया था।
मुख्य न्यायाधीश डी बी भोसले और न्यायाधीश यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले में आज पूर्व मुख्यमंत्री मायावती उसके भाई प्रभुदयाल, भतीजा आनंद कुमार समेत कई अन्य अधिकारियो को नोटिस जारी किया है| न्यायालय ने सभी को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।
याचिका मे गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन उप जिलाधिकारी के 30 मई 2006 को पारित आदेश को चुनौती दी गयी है। उपजिलाधिकारी ने अधिकारियो के दबाव मे गलत तरीके से मायावती और उनके परिवार के लोगो के पक्ष मे 47433 वर्ग मीटर कृषि भूमि को आबादी क्षेत्र की भूमि घोषित किया था| याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया है कि इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूराे (सीबीआई) से कराने के आदेश जारी कियें जाय। न्यायालय ने इस मामले से सम्बन्धित एक अन्य लम्बित याचिका के साथ सुनवाई करने का आदेश दिया है |


