म्यांमार के छह दिवसीय दौरे पर पहुंचे पोप फ्रांसिस
रोहिंग्या मुस्लिम संकट जारी रहने के दौरान ही ईसाई धर्म गुरु पोप फ्रांसिस ने आज अपनी बौद्ध बहुल देश म्यांमार यात्रा शुरू कर दी

नेपीथा। पोप फ्रांसिस दो दक्षिण एशियाई देशों के छह दिवसीय दौरे के तहत सोमवार को म्यांमार पहुंचे। फ्रांसिस म्यांमार का दौरा करने वाले पहले पोप हैं। पोप का यह दौरा म्यांमार सेना द्वारा राखिने प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों पर सैन्य कार्रवाई के बाद उपजे मानवीय संकट के बीच हो रहा है। इस संकट की वजह से 620,000 रोहिंग्या देश छोड़कर बांग्लादेश भाग गए हैं।
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, फ्रांसिस सोमवार को यांगून पहुंचे। वह बिशप मुख्यालय में रुकेंगे, जहां वह म्यांमार के धार्मिक नेताओं से वार्ता करेंगे।
पोप फ्रांसिस मंगलवार को राजधानी नेपीथा के लिए रवाना होंगे, जहां राष्ट्रपति हटिन क्याव और स्टेट काउंसिलर आंग सान सू की द्वारा उनका आधिकारिक रूप से स्वागत किया जाएगा।
पोप फ्रांसिस बुधवार को प्रार्थना सभा में हिस्सा लेंगे, जिसके बाद वह म्यांमार के बौद्धों की सर्वोच्च परिषद और अन्य बिशप से मुलाकात करेंगे। वह गुरुवार को कैथ्रेडल ऑफ सांता मारिया में बच्चों के लिए होने वाली प्रार्थना सभा में शामिल होंगे और उसके बाद सेना प्रमुख जनरल मिग आंग हलेंग से मुलाकात करेंगे।
कुछ विश्लेषकों के मुताबिक, पोप फ्रांसिस बांग्लादेश में मानवीय संकट के लिए मध्यस्थ की भूमिका भी निभा सकते हैं। पोप फ्रांसिस म्यांमार के बाद गुरुवार को बांग्लादेश जाएंगे। वह 1986 के बाद ढाका की यात्रा करने वाले पहले कैथलिक नेता होंगे। वह बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के एक छोटे समूह से मुलाकात कर सकते हैं।
पोप फ्रांसिस ने ट्वीट किया
As I prepare to visit Myanmar and Bangladesh, I wish to send a message of greeting and friendship to everyone. I can't wait to meet you!
— Pope Francis (@Pontifex) November 25, 2017


