अम्बेडकर अस्पताल में मरीजों का बुरा हाल
छग के सबसे बड़े अस्पताल डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल में मरीज अव्यवस्था के आलम में इलाज के लिए भटकते दिखाई पड़ते हैं
रायपुर। छग के सबसे बड़े अस्पताल डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल में मरीज अव्यवस्था के आलम में इलाज के लिए भटकते दिखाई पड़ते हैं। यहां तक कि अस्पताल के कई वार्डों के शौचालय में पानी नहीं होने के कारण मरीज के परिजनों को बाहर से पानी लाना पड़ता है।
साथ में महिलाओं के शौचालय बंद रहते हैं इससे मरीजों के महिला परिजनों को हलाकान परेशान होना पड़ता है। दूसरी तरफ दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को फर्श पर इलाज कराना पड़ रहा है जबकि 1200 बिस्तर के अस्पताल में मरीज के लिए बैड नहीं है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालोंंं में हरसंभव सुविधा उपलब्ध कराने का दावा करते रहा है लेकिन अम्बेडकर अस्पताल पहुंचने के बाद उन दावों की पोल खुलते दिखलाई पड़ती है जहां न तो मरीजों को शौचालय जाने के लिए पानी है और ना ही इलाज के लिए बिस्तर मिल पाता। स्वयं फर्श पर लेटकर अपनी बारी का इंतजार करते करते कई मरीज अस्पताल छोड़ निजी अस्पतालों में पहुंच जाते हैं। सरकारी अस्पतालों में महंगी मशीनें अवश्य लगी हुई है लेकिन उन मशीनों से उपचार नहीं हो पा रहा है। हाईवे संवाददाता को अम्बेडकर अस्पताल में कई मरीज ऐसे मिले जो पिछले दस दिनों से अस्पताल के बरामदे में उपचार के लिए पड़े हुए थे। लेकिन उनकी बारी नहीं आई। दवाई से लेकर कर्मचारियों की दुत्कार इन मरीजों को हर दिन झेलना पड़ता है फिर भी असहाय मरीज इलाज के लिए चिकित्सकों की राह देखते मिल जाएंगे।


