गरीब बेटियों को मिलेगा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश
रायगढ़ जिले में तेजस्वनी योजना के तहत अब जिले की बेटियों को नए नियमों के तहत न केवल प्रवेश मिलेगा बल्कि उन्हें पढाई के लिए हर सुविधा भी दी जाएगी

रायगढ़। रायगढ़ जिले में तेजस्वनी योजना के तहत अब जिले की बेटियों को नए नियमों के तहत न केवल प्रवेश मिलेगा बल्कि उन्हें पढाई के लिए हर सुविधा भी दी जाएगी। इससे पहले बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जिला मुख्यालय में लागू तेजस्वनी योजना में अनुसूचित जाति व जनजाति की बेटियों को ही मौका मिलता था और गरीब तबके की बेटियां इस सुविधा से वंचित हो जाती थी।
जिसको देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने प्रशासनिक अधिकारियों को यह निर्देश दिया है अब नियमों में परिवर्तन करते हुए हर वर्ग की बेटियों को तेजस्वनी योजना के तहत उनके कैरियर बनाने का अवसर दिया जाएगा। जिला कलेक्टर शम्मी आबिदी ने इस संबंध में बताया कि पुराने नियमों के चलते कई बेटियों को जगह नही मिल पाती थी और अब 1 करोड़ 56 लाख से भी अधिक के बजट से तेजस्वनी योजना के तहत मेडिकल की पढाई करवाने का निर्णय लिया गया है और अभी इस योजना के तहत 56 बेटियों को प्रवेश दिया गया है जो अपनी शिक्षा ग्रहण कर रही है।
रायगढ़ के महिला कालेज के पास स्थित तेजस्वनी हास्टल में अब नियमों के बदल जाने से हर वर्ग की बेटियों को पढ़ाने के लिए तैयारियों को भी शुरू कर दिया गया है ताकि उनके कैरियर को संवारा जा सके। शासन द्वारा बदले गए नियमों का लाभ शहर तथा जिले की उन बेटियों को मिलेगा जो पैसे के अभाव में अपनी पढ़ाई तक शुरू नही कर पाती थी और अब जिला कलेक्टर शम्मी आबिदी की पहल से उनके हौंसलों की नई उड़ान से जुडने का मौका मिलेगा।
जिला कलेक्टर का कहना है कि गरीब बच्चों के सपने पुरे करने के लिए ही नये नियमों को लागू किया जा रहा है इसके निर्देश भी जारी कर दिए गए है ताकि इसी सत्र से बेटियों को अपना भविष्य संवारने का मौका मिल सके। अब रायगढ़ जिले में पहले से शुरू हुई तेजस्वनी योजना में 40 छात्राओं को प्रवेश दिया गया था और अब बढ़ कर इनकी संख्या 56 हो गई है।


