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सर्दियों में प्रदूषण से नहीं होगी लोगों को दिक्कत, बनाया जा रहा एक्शन प्लान

सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड ने क्षेत्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को एक्शन प्लान बनाने को कहा

सर्दियों में प्रदूषण से नहीं होगी लोगों को दिक्कत, बनाया जा रहा एक्शन प्लान
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नोएडा। सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड ने क्षेत्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को एक्शन प्लान बनाने को कहा है। यह प्लान 15 सितंबर तक सीपीसीबी में जमा करना होगा। इसके साथ ही जनपद में तीन नए एयर क्वालिटी इंडेक्स स्टेशन लगाने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए छह करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह तैयारियां गत वर्ष की गलती को सुधारते हुए की जा रही है। ताकि सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण की रफ्तार को कम किया जा सके। एनजीटी के निर्देशानुसार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगातार अभियान चलाया जाता रहा है। जुलाई के महीने में 31 लाख रुपए का जुर्माना प्रदूषण करने वालों पर लगाया गया। इसके साथ ही 18 अगस्त तक करीब यह जुर्माना 51 लाख रुपए तक पहुंच चुका है। इसको देखते हुए लगता है कि इस बार प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आएगी। लेकिन यहा समस्या एनसीआर में कंस्ट्रक्शन लाइट, वाहनों की नहीं है। बल्कि राजस्थान की ओर से चलने वाली धूल भरी हवाएं है। जो यहा सर्दी में ठंडी हवाओं के संपर्क में आने पर जम जाती है।

दूसरी बड़ी समस्या पंजाब की ओर से पराली से निकलने वाला धूआं है। हालांकि एनजीटी व सरकार ने पराली के जलाने पर रोक लगा रखी है बावजूद इसे जलाया जाता है। ऐसे में एक ऐसा प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए है। जिससे सर्दी में लोगों को प्रदूषण की चपेट में आने से बचाया जा सके। यह प्लान 15 सितंबर तक क्षेत्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को सीपीसीबी में जमा करना होगा। ताकि इसको लेकर एक गाइड लाइन जारी की जा सके।

गत सर्दियों में आरएसपीएम का स्तर 500 के था पारगत सर्दियों में वातावरण में भारी धूल के कण जिन्हें आरएसपीएम का स्तर 500 माइक्रोग्राम घन मीटर के स्तर को भी पार कर चुका था। यह स्त लगातार बने रहने से यहा लोगों क सांस लेना तक दूभर हो गया था। यह स्तर दीवाली के बाद और ज्यादा बढ़ गया था। यही नहीं एख समय यह स्तर इतना ज्यादा हो गया थ यहा लगे स्टेशन ही उसका स्तर नापने में विफल थे। ऐसी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक प्लान तैयार करना है।


जिसमे सेंट्राल पलूशन कंट्रोल बोर्ड के अलावा लोकल जिला प्रशासन, प्राधिकरण की टीम भी रहेगी।
क्या क्या किए गए थे उपाए
-कंस्ट्रक्शन साइटों पर काम बंद करा दिया गया
-हॉट मिक्सिंग प्लांटों को बंद किया गया
-सड़को के किनारों कर पानी का छिड़काव किया गया
-कतिम बारिश कराई गई।
-लोगों को पहनने के लिए मास्क दिए गए।
-धूल , कचरा फैलाने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया गया।
-चिपनी व ऐसी कंपनी जिनसे धुआं निकलता था उनको बंद कराया गया।


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