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आरएसएस का अध्यक्ष आखिर क्यों कोई दलित या महिला नहीं? : उदित राज का सवाल

कांग्रेस नेता उदित राज ने गुरुवार को गांधी जयंती पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ (आरएसएस) की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि इसका उत्सव पर्व मनाया जाना चाहिए, क्योंकि यह संगठन सम्मान का हकदार नहीं है

आरएसएस का अध्यक्ष आखिर क्यों कोई दलित या महिला नहीं? : उदित राज का सवाल
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आरएसएस की विचारधारा की वजह से ही महात्मा गांधी की हत्या की गई थी: उदित राज

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता उदित राज ने गुरुवार को गांधी जयंती पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ (आरएसएस) की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि इसका उत्सव पर्व मनाया जाना चाहिए, क्योंकि यह संगठन सम्मान का हकदार नहीं है।

उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि आरएसएस की विचारधारा की वजह से ही महात्मा गांधी की हत्या की गई थी।

उन्होंने कहा कि संघ के 100 वर्ष संपन्न होने पर जो सिक्का जारी किया गया, वह मैं समझता हूं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। आज गांधी जी हमारे बीच नहीं हैं, तो उनका अपमान किया जा रहा है। उदित राज ने कहा कि इस देश के कल्याण में संघ की कोई भूमिका नहीं रही है। इस संगठन ने सिर्फ सवर्ण सत्ता को बचाने की दिशा में काम किया है।

कांग्रेस नेता ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को देशद्रोही संगठन बताते हुए कहा कि यह संगठन वैसे तो समस्त विश्व में हिंदू समुदाय का हितैषी होने का दावा करता है, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह पूरे हिंदू समुदाय का हित नहीं चाहता है।

यह संगठन सिर्फ उच्च जाति लोगों के हितों को ही प्राथमिकता देता है। आप लोगों ने गौर किया होगा कि आज तक इस संगठन का अध्यक्ष कोई दलित या महिला नहीं रही है। आखिर क्यों?

आखिर क्यों हमेशा से ही इस संगठन की कमान एक ब्राह्मण समुदाय से आने वाले व्यक्ति के हाथों में ही रही? मैं समझता हूं कि ये बिल्कुल ठीक नहीं है। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि आरएसएस को एक सभ्य समाज में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने विजयादशमी की बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि आज की तारीख में हमारे समाज में इस संगठन को महिमामंडित किया जा रहा है। निश्चित तौर पर इससे महात्मा गांधी की राह पर चलने वाले लोगों का मन दुखी हो रहा होगा।


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