Top
Begin typing your search above and press return to search.

वोट बिहार का और कारखाना गुजरात में, अब नहीं चलेगा ये खेल: प्रशांत किशोर

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी 'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत लगातार अलग-अलग जिलों और प्रखंडों में लोगों से संवाद कर रहे हैं

वोट बिहार का और कारखाना गुजरात में, अब नहीं चलेगा ये खेल: प्रशांत किशोर
X

बांका। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी 'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत लगातार अलग-अलग जिलों और प्रखंडों में लोगों से संवाद कर रहे हैं। इसी कड़ी में वे गुरुवार को बांका पहुंचे।

प्रशांत किशोर ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार में संपूर्ण क्रांति और व्यवस्था परिवर्तन के उद्देश्य से 20 मई को जेपी की जन्मभूमि सिताब दियारा से 'बिहार बदलाव यात्रा' की शुरुआत की गई। यात्रा का उद्देश्य व्यवस्था परिवर्तन के लिए बिहार की जनता को जागरूक करना है।

उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि अब वोट बिहार में और कारखाना गुजरात में नहीं चलने वाला है। उन्होंने कहा, " प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई को मोतिहारी आ रहे हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था कब सुधरेगी और बिहार से पलायन कब रुकेगा। उन्हें यह बताना चाहिए कि बिहार में कारखाने कब लगेंगे, जिससे बिहार के बच्चों को गुजरात और महाराष्ट्र कमाने के लिए नहीं जाना पड़े। शेष सड़क और हवाई जहाज देने की जो वे बात कर रहे हैं, उसकी जरूरत नहीं है। यह सब हम लोग कर लेंगे।"

उन्होंने कहा कि बिहार के बच्चों के लिए रोजगार होना चाहिए और पलायन बंद होना चाहिए, जिससे लोग अपने परिवार के साथ अपने गांव में रह सकें। यहां के लोगों की यही इच्छा है। उन्होंने कहा कि अब यह नहीं चलेगा कि आप वोट बिहार में लीजिएगा और फैक्ट्री गुजरात में लगाइएगा। बिहार में अब बदलाव होगा और बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार होगा।

इधर, बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था की हालत और बिगड़ने वाली है, क्योंकि पूरा पुलिस प्रशासन शराब से पैसा उगाही में और बालू माफियाओं से सांठगांठ कर रिश्वत लेने में लगा है। जितने सरकार के मंत्री और सरकारी लोग हैं, वे ट्रांसफर और पोस्टिंग में करोड़ों रुपये की उगाही कर रहे हैं। जब पुलिस के लोग पैसा कमाने में लगे हैं, तो कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने में कब लगेंगे?

उन्होंने कहा कि सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के तौर पर काम नहीं कर रहे हैं। उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे काम कर सकें। जब सरकार का मुखिया ही अचेतन अवस्था में रहेगा, तो प्रदेश में ऐसी ही स्थिति होगी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it