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जिनके पास कुछ नहीं, उनके पास संविधान की गारंटी : पीएम मोदी

नामीबिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां की संसद को संबोधित किया

जिनके पास कुछ नहीं, उनके पास संविधान की गारंटी : पीएम मोदी
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नई दिल्ली। नामीबिया में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां की संसद को संबोधित किया। पीएम मोदी ने नामीबिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और नामीबिया में बहुत कुछ समान है। हम दोनों ने औपनिवेशिक शासन का विरोध किया। हम दोनों ही सम्मान और स्वतंत्रता को महत्व देते हैं। हमारा संविधान हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय को बनाए रखने की वकालत करता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम वैश्विक दक्षिण का हिस्सा हैं और हमारे लोगों की आशाएं और सपने एक जैसे हैं। भारत नामीबिया के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देता है। हम न सिर्फ अपने अतीत के संबंधों को महत्व देते हैं, बल्कि अपने साझा भविष्य की संभावनाओं को भी साकार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर और इस गरिमामय सदन को संबोधित करना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। मैं आपके समक्ष लोकतंत्र की जननी के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित हूं और अपने साथ भारत के 1.4 अरब लोगों की हार्दिक शुभकामनाएं लेकर आया हूं। मुझे मैत्री के प्रतीक के रूप में नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्राप्त करते हुए अत्यंत सम्मानित महसूस हो रहा है। हम नामीबिया के विजन 2030 पर मिलकर काम करने को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं और हमारी साझेदारी के केंद्र में हमारे लोग हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले आपने एक ऐतिहासिक क्षण का जश्न मनाया, नामीबिया ने अपनी पहली महिला राष्ट्रपति चुनी। हम आपके खुशी को समझते हैं और साझा करते हैं, क्योंकि भारत में हम भी गर्व से मैडम प्रेसिडेंट कहते हैं। यह भारत के संविधान की शक्ति है कि एक गरीब आदिवासी परिवार की बेटी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राष्ट्रपति है। यह संविधान की शक्ति है, जिसने मुझ जैसे व्यक्ति को, जो एक गरीब परिवार में पैदा हुआ, तीन बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया। जिनके पास कुछ नहीं है, उनके पास संविधान की गारंटी है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हमें खुशी है कि नामीबिया भारत की यूपीआई तकनीक अपनाने वाला पहला देश है। लोग इसके जरिये तेज गति से पैसे भेज पाएंगे। हमारा द्विपक्षीय व्यापार 80 करोड़ डॉलर को पार कर गया है, लेकिन क्रिकेट के मैदान की तरह हम अभी तैयारी कर रहे हैं। हम तेजी से और ज्यादा रन बनाएंगे। हमें उद्यमिता विकास केंद्र के माध्यम से नामीबिया के युवाओं का समर्थन करने का सौभाग्य प्राप्त है। यह एक ऐसा स्थान होगा, जहां व्यावसायिक सपनों को पूरा करने का मौका मिलेगा। भारत आज अपने विकास के साथ ही दुनिया के सपनों को भी दिशा दे रहा है और इसमें भी हमारा जोर ग्लोबल साउथ पर है। यह भारत का संदेश है कि आप अपने रास्ते पर चलकर अपनी संस्कृति और गरिमा के साथ सफलता पा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत उन्नत कैंसर देखभाल के लिए नामीबिया को भाभाट्रॉन रेडियोथेरेपी मशीन उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। भारत में विकसित इस मशीन का इस्तेमाल 15 देशों में किया जा चुका है और इसने विभिन्न देशों में पांच लाख से ज्यादा गंभीर कैंसर रोगियों की मदद की है। हम नामीबिया को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक पहुंच के लिए जन औषधि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित करते हैं। इस कार्यक्रम के तहत भारत में दवाओं की लागत में 50-80 प्रतिशत की कमी आई है। यह प्रतिदिन 10 लाख से ज्यादा भारतीयों की मदद कर रहा है। अब तक इसने मरीजों को स्वास्थ्य देखभाल पर लगभग 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की बचत करने में मदद की है।


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