तेजस्वी यादव हमेशा अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं : राजेश वर्मा
लोक जनशक्ति (रामविलास) पार्टी के सांसद राजेश वर्मा ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के उस विवादित बयान पर पलटवार किया है

नई दिल्ली। लोक जनशक्ति (रामविलास) पार्टी के सांसद राजेश वर्मा ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के उस विवादित बयान पर पलटवार किया है, जिसमें तेजस्वी ने कहा था कि वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन में विदेशी नागरिकों के नाम का आधार क्या है? तेजस्वी के इस बयान पर लोजपा सांसद राजेश वर्मा ने कहा कि उनका राजनीतिक परिवेश और भाषा हमेशा ऐसी ही रही है।
राजेश वर्मा ने तेजस्वी यादव के अभद्र भाषा प्रयोग करने पर कहा कि तेजस्वी ने अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल किया, जो दोबारा स्पष्ट करता है कि किस तरह की राजनीति महागठबंधन करती आई है और किस तरह की राजनीति आने वाले समय में करेगी। तेजस्वी का राजनीतिक परिवेश और उनकी भाषा हमेशा से ऐसी ही रही है। अभी बिहार में चुनाव हुए भी नहीं हैं, चुनाव जीतने की उम्मीद के साथ भाषा में इतनी खराबी है तो किसी गठबंधन के साथ अगर इस तरह के लोग आ गए तो यह सोचनीय होगा कि उनकी भाषा की मर्यादाएं क्या होगी?
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश के नागरिकों के सामने आने पर उन्होंने कहा कि इस पर महागठबंधन को बोलने की जरूरत है। महागठबंधन वालों ने रैली निकालकर एकजुटता दिखाई थी। वहीं, राहुल गांधी के मंच पर पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को चढ़ने तक नहीं दिया गया। महागठबंधन में मनमुटाव चल रहा है, पार्टियों में आपसी तालमेल नहीं है। महागठबंधन म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश के नागरिकों को बचाने की कोशिश कर रहा था।
बिहार में बढ़ते अपराध के सवाल पर राजेश वर्मा ने कहा कि हमारे पार्टी के नेता चिराग पासवान ने खुद इस बात को लेकर मुख्यमंत्री को पत्राचार किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बात की नाराजगी व्यक्त की। एक तरफ एनडीए के बाहर घटक दल के साथी इस बात को लेकर हमारी पार्टी के ऊपर आरोप लगा रहे हैं कि हम सरकार के खिलाफ बयान देकर एनडीए की मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं। हम लोगों का यह मानना है कि एक ईमानदार एनडीए के घटक दल का साथी होने का सबसे बड़ा प्रमाण सरकार की कमी को सरकार के सामने बताना है। चिराग पासवान ने इसी बात को स्पष्टता के साथ कहा कि कहीं न कहीं अपराध बढ़ा है और कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश वाले मॉडल को अपनाने का यह सही समय है। अपराधियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाना चाहिए।


