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शिवसेना (यूबीटी) की राजनीति अवसरवाद की है : राम कदम

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में निकाय चुनावों के लिए 'इंडिया' ब्लॉक की जरूरत नहीं है

शिवसेना (यूबीटी) की राजनीति अवसरवाद की है : राम कदम
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मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में निकाय चुनावों के लिए 'इंडिया' ब्लॉक की जरूरत नहीं है। उनके इस बयान पर भाजपा विधायक राम कदम ने गुरुवार को कहा कि उनकी राजनीति पूरी तरह अवसरवाद की है।

राम कदम ने कहा, "कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी को यूज एंड थ्रो करने का काम शिवसेना (यूबीटी) कर रही है। उनकी राजनीति पूरी तरह मौका परस्ती की है। अब, उन्हें मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) पसंद आने लगी है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने कभी कहा था कि मनसे पूरी तरह से खत्म हो चुकी पार्टी है। इसका मतलब है कि उन्होंने मौका देखकर बाला साहेब की विचारधारा को त्याग दिया था। अब, मौका देखकर उन्होंने कांग्रेस का इस्तेमाल किया और उसे त्याग दिया। जब उन्हें एहसास हुआ कि उनके अपने ही लोग उन्हें छोड़कर चले गए हैं और उनका जनसमर्थन खत्म हो गया है, तभी उन्हें मराठी लोगों की याद आई।"

महाराष्ट्र सरकार द्वारा पेश किए जा रहे ‘जनसुरक्षा विधेयक’ पर राम कदम ने कहा, "विधानसभा का सत्र चर्चा और मंथन करने के लिए होता है। अगर किसी को ‘जनसुरक्षा विधेयक’ पर आपत्ति है तो वे इस पर चर्चा करें।"

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। ये चुनाव तीन चरण में हो सकते हैं। इनमें 29 नगर निगम, 248 नगर परिषद, 42 नगर पंचायत, 32 जिला परिषद और 336 पंचायत समितियां शामिल हैं।

स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में निकाय चुनावों के लिए 'इंडिया' ब्लॉक की जरूरत नहीं है।

हालांकि, बाद में सांसद संजय राउत ने अपने बयान पर सफाई दी और कहा, "मैंने यह नहीं कहा कि शिवसेना और मनसे मिलकर (स्थानीय निकाय) चुनाव लड़ रहे हैं। मैंने कहा कि जनता की ओर से शिवसेना और मनसे पर स्थानीय निकाय चुनाव साथ लड़ने का दबाव है। मुझसे पूछा गया कि 'इंडिया' ब्लॉक की क्या स्थिति है? मैंने कहा कि इसका गठन लोकसभा चुनावों के लिए हुआ था और विधानसभा चुनावों के लिए महा विकास अघाड़ी का गठन हुआ था। स्थानीय निकाय चुनावों में इन दोनों की कोई जरूरत नहीं है। स्थानीय निकाय चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं। लोग चाहते हैं कि अगर मुंबई को बचाना है तो राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा।"


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