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संसद में हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

राज्यसभा में बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच दो सप्ताह से भी अधिक समय से चला आ रहा गतिरोध बरकरार है और इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग पर अड़े विपक्ष ने गुरुवार को भी सदन में शोरगुल किया जिससे सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी

संसद में हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
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राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी, कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

नई दिल्ली। राज्यसभा में बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच दो सप्ताह से भी अधिक समय से चला आ रहा गतिरोध बरकरार है और इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग पर अड़े विपक्ष ने गुरुवार को भी सदन में शोरगुल किया जिससे सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

सदन की कार्यवाही निरंतर बाधित होने के कारण मानसून सत्र में अब तक एक दिन भी शून्यकाल की कार्यवाही सुचारू ढंग से नहीं चल पायी है। विपक्ष बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षरण प्रक्रिया का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग पर अड़ा है। विपक्षी सदस्यों ने पिछले 14 दिनों में लगभग हर रोज इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के नाेटिस दिये गये हैं। इनमें से एक भी नोटिस को अब तक स्वीकार नहीं किया गया है। सरकार का कहना है कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक और स्वायत्त संस्था है और इसके कामकाज पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। उसका यह भी कहना है कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण भी इस पर सदन में बहस नहीं हो सकती।

दोनों पक्षों के अपने अपने रूख पर अड़े रहने के कारण कार्यवाही बाधित हो रही है और सदन में अब तक जो भी विधायी कामकाज हुआ है वह हंगामे के बीच ही हुआ है।

उपसभापति हरिवंश ने आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के 25 नोटिस मिले हैं। ये सभी नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं हैं इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया गया है। उन्होंने इन नोटिसों मेंं किस विषय पर चर्चा कराने की मांग की गयी है इसकी जानकारी नहीं दी। सदस्यों द्वारा इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने 2021 में तत्कालीन सभापति की एक व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि आसन को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया किया कि वे शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करने में सहयोग करे। उन्होंने कहा कि शून्यकाल सदस्यों का समय है और अब तक सदन में 51 घंटे 30 मिनट का समय बर्बाद हो चुका है। उन्होंने सदस्यों से व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया लेकिन इसका असर न होते देख सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।


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