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हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

संसद में सोमवार को भी जबरदस्त हंगामा हुआ। इस हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही बाधित हुई। दोनों ही सदनों में विपक्ष ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की

हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही स्थगित
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लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा, स्थगित करनी पड़ी सदन की कार्यवाही

नई दिल्ली। संसद में सोमवार को भी जबरदस्त हंगामा हुआ। इस हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही बाधित हुई। दोनों ही सदनों में विपक्ष ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। विपक्ष के कई सांसदों का कहना है कि वे बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के गहन रिव्यू समेत विभिन्न विषयों तुरंत चर्चा चाहते हैं।

विपक्ष ने राज्यसभा में अन्य सभी संसदीय कार्यों को रोककर सबसे पहले इन मुद्दों पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था। विपक्षी सांसदों के इस नोटिस को अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की। सदन में बढ़ते हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। कुछ ऐसा ही हाल लोकसभा में भी रहा। लोक लोकसभा में भी सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ देर बाद ही विपक्षी सांसद अपनी सीटों से उठकर वेल में आ गए। विपक्ष के ये सांसद चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे।

सदन में हो रहे हंगामे और नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बार-बार विपक्षी सांसदों से अपनी सीट पर जाकर बैठने का आग्रह किया गया। नाराज विपक्षी सांसद जब अपने स्थानों पर वापस नहीं गए तो सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। वहीं राज्यसभा में भी यही स्थिति बनी रही। राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ देर बाद उपसभापति हरिवंश नारायण ने बताया कि उन्हें आज यानी सोमवार को चर्चा के लिए नियम 267 के अंतर्गत 29 नोटिस मिले हैं।

नियम 267 के अंतर्गत सदन की शेष सभी कार्यवाही को स्थगित करके संबंधित विषय पर चर्चा कराई जाती है। इस नियम के अंतर्गत कराई जाने वाली चर्चा के उपरांत वोटिंग का भी प्रावधान होता है। उप सभापति ने बताया कि उन्हें पाँच अलग-अलग विषयों पर चर्चा के नोटिस प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही उप सभापति ने कहा कि 11 विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए नोटिस में नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है। वहीं बचे हुए 18 नोटिसों में से कई नोटिस ऐसे मामलों को लेकर थे जिनकी सुनवाई अदालत में चल रही है।

उप सभापति ने कहा कि अदालत में लंबित मामलों पर सदन में चर्चा करने पर पाबंदियां है, जिससे इस सदन के सदस्य भलीभांति परिचित हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह नियम 267 के अंतर्गत मिले सभी नोटिसों को अस्वीकृत करते हैं। इसके उपरांत विपक्षी सांसदों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सांसद अपना विरोध जताने के लिए सदन में बैच पहनकर भी आए थे। उप सभापति ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सदन में कुछ सांसद बैच पहनकर आए हैं और सदन में ऐसा करना की अनुमति नहीं हैं। हालांकि इस सबके बावजूद भी विपक्षी सांसदों का विरोध जारी रहा। सदन में लगातार नारेबाजी और हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।


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