प्रशांत किशोर को चुनाव लड़ना चाहिए था : राजीव प्रताप रूडी का सुझाव
भाजपा के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने मंगलवार को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के प्रत्याशियों को तोड़ने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को बिहार को समझने के लिए एक चुनाव लड़ना चाहिए था

‘बिहार को समझने के लिए मैदान में उतरना जरूरी’- रूडी ने जताया अफसोस
- राजीव प्रताप रूडी बोले- प्रशांत किशोर ने चुनाव न लड़कर जनता को किया निराश
- जन सुराज से डरती है भाजपा, प्रत्याशियों को तोड़ने का आरोप: प्रशांत किशोर
- चुनाव नहीं लड़ने पर रूडी का तंज, प्रशांत किशोर को बताया ‘बड़े नेता का जनरल’
पटना। भाजपा के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने मंगलवार को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के प्रत्याशियों को तोड़ने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशांत किशोर को बिहार को समझने के लिए एक चुनाव लड़ना चाहिए था। उन्होंने प्रशांत किशोर के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले पर अफसोस जताते हुए कहा कि यह चिंता की बात है।
सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने पटना में मीडिया से बातचीत में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को अच्छा दोस्त और आदमी बताते हुए कहा कि कौन किसके प्रत्याशी को तोड़ रहा है, खरीद रहा है यह तो बाद की बात है, लेकिन मुझे सदमा लगा है कि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, "बिहार में नहीं, बल्कि दिल्ली और मुंबई में लोग कहते थे कि एक बड़ा नेता उभरकर आया है। ऐसे में वे चुनाव मैदान में नहीं हैं। बिहार को समझने के लिए कम से कम एक बार चुनाव लड़ना चाहिए था और जनता के बीच में जाना चाहिए था। जीतकर विधानसभा में जाना चाहिए था और तब टिप्पणी करनी चाहिए थी।"
उन्होंने कहा कि मुझे अफसोस है कि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। बिहार की जनता को भी अफसोस है कि इतने बड़े पार्टी का जनरल बना हो और खुद ही मैदान से बाहर निकल जाए। यह चिंता की बात है। और क्या हो रहा है, क्या नहीं हो रहा है यह तो तब सुना जाता जब वे चुनाव लड़ते।
बता दें कि इससे पहले प्रशांत किशोर ने मंगलवार को दावा करते हुए कहा कि भाजपा को महागठबंधन से नहीं, जन सुराज से डर लग रहा है। उन्होंने भाजपा पर जन सुराज के प्रत्याशियों को तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने पटना में एक प्रेस वार्ता में दानापुर, गोपालगंज और ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्रों के जन सुराज से घोषित प्रत्याशियों के उदाहरण देते हुए कहा कि इन तीनों प्रत्याशियों पर दबाव डालकर चुनाव लड़ने से रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा जानती है कि वह महागठबंधन के जंगलराज का भय दिखाकर वोट ले ही लेगी, लेकिन असल में उन्हें जन सुराज से भय है।


