बिहार में एसआईआर पर चर्चा को लेकर विपक्ष का जोरदार हंगामा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
राज्यसभा में विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर गुरुवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया जिसके कारण तीन बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर चर्चा के लिए अड़ा विपक्ष, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर गुरुवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया जिसके कारण तीन बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।
तीसरे स्थगन के बाद जब सदन साढे चार बजे पुन: समवेत हुआ तो उप सभापति हरिवंश ने अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाये गये आयात शुल्क और रूस से हथियार तथा तेल खरीदने पर लगाये गये दंडात्मक शुल्क के संबंध में वक्तव्य देने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का नाम पुकारा। श्री गोयल के खड़े होते ही विपक्ष के सदस्य अपनी जगहों से उठकर आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। केन्द्रीय मंत्री ने हंगामे के बीच ही अपना वक्तव्य सदन में रखा। उनका वक्तव्य समाप्त होने के बाद भी विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते रहे जिसे देखते हुए उप सभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह विपक्षी दलों ने ओड़िशा में महिलाओं के खिलाफ बढती अपराध की घटनाओंं , बंगाली आव्रजक श्रमिकों के साथ दूसरे राज्यों में भेदभाव , छत्तीसगढ में दो नन की गिरफ्तारी और अमेरिका द्वारा भारत पर लगाये गये शुल्क तथा जुर्माने के मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग को लेकर नियम 267 के अंतर्गत कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिये थे। उप सभापति ने इन्हें नियमों के विरूद्ध बताते हुए स्वीकार नहीं किया था। विपक्ष के अपनी मांग पर अड़े रहने के कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी थी।
इसके बाद जब दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने फिर से शोर शराबा शुरू कर दिया जिसे देखते हुए उप सभापति ने सदन की कार्यवाही साढे चार बजे तक स्थगित कर दी।
विपक्ष के हंगामे के कारण मानसून सत्र के पिछले नौ दिनों में बमुश्किल तीन दिन ही विधायी कामकाज हो सका है। इसमें से एक दिन सरकार ने हंगामे के बीच एक विधेयक पारित कराया जबकि दो दिन ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई। बाकी के दिनों में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच बने गतिरोध के कारण विधायी कामकाज नहीं हो सका।
उप सभापति हरिवंश ने सुबह कार्यवाही शुरू करने से पहले सदस्यों से सदन में शांति बनाए रखने का अनुरोध करते हुए कहा था कि मानसून सत्र में अब तक 30 घंटे का समय बर्बाद हो चुका है और यह सदस्यों का समय था। उन्होंने कहा कि यह सरकार के विधायी कामकाज का समय नहीं था और इस दौरान अनेक प्रश्न और लोक महत्व के मुद्दे सदन में रखे जा सकते थे। उन्होंंने कहा कि लोगों ने जो जनादेश दिया है वह सदन में पूरा नहीं हो पा रहा है। उन्होंंने कहा कि सभी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि हम अपने संकल्प को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।


