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हरियाणा विधानसभा में जलभराव पर विपक्ष का हमला, हुड्डा परिवार ने सरकार को घेरा

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन जलभराव के मुद्दे ने सियासी हलचल तेज कर दी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस विषय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सरकार को घेरा और कहा कि प्रदेश में जलभराव से हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है

हरियाणा विधानसभा में जलभराव पर विपक्ष का हमला, हुड्डा परिवार ने सरकार को घेरा
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फसलें डूबीं, सवाल उठे: भूपेंद्र और दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से मांगा जवाब

  • जलभराव से किसान बेहाल, विधानसभा में गरमाई राजनीति
  • हरियाणा में जल संकट पर विपक्ष का तीखा वार, सरकार की कार्ययोजना पर सवाल
  • दीपेंद्र हुड्डा का आरोप: 11 साल में नहीं बनी एक भी नई ड्रेन
  • विधानसभा में जलभराव पर बहस, मुआवजे और गिरदावरी पर सरकार घिरी
  • कानून व्यवस्था और जलभराव दोनों गायब: हुड्डा का सरकार पर तंज

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन जलभराव के मुद्दे ने सियासी हलचल तेज कर दी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस विषय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सरकार को घेरा और कहा कि प्रदेश में जलभराव से हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

भूपेंद्र हुड्डा ने सरकार की ओर से दिए गए जवाब को अतिसाधारण और असंतोषजनक करार देते हुए कहा, "फसलों के नुकसान के साथ-साथ किसान की अगली फसल भी बर्बाद हो जाएगी। सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए था, लेकिन मुख्यमंत्री ने न तो मुआवजे की राशि बताई और न ही यह स्पष्ट किया कि कितने दिनों में मुआवजा मिलेगा।"

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या सरकार स्पेशल गिरदावरी (विशेष सर्वेक्षण) कराएगी या नहीं? हुड्डा ने कहा, "यह सरकार का दायित्व है कि किसानों को राहत पहुंचाए, लेकिन विधानसभा में सिर्फ तसल्ली देने वाले जवाब दिए गए, कोई ठोस योजना सामने नहीं आई।"

जब विधानसभा में 1984 के सिख दंगा पीड़ितों को नौकरी देने की बात उठी, तो भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, "कांग्रेस की सरकार ने भी पहले नौकरी दी थी। यह कोई नई बात नहीं है।"

इस मुद्दे पर राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हरियाणा में जलभराव की स्थिति बेहद भयावह बन चुकी है और इसके लिए पूरी तरह से राज्य सरकार जिम्मेदार है। पिछले सालों से लेकर आज तक सरकार ने जलभराव की समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।"

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में एक भी नई ड्रेन या नहर नहीं बनाई गई, जिससे हालात और भी खराब होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "हर जिले में सैकड़ों गांव जलभराव से पीड़ित हैं, लेकिन सरकार के पास कोई कार्ययोजना नहीं है।"

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा, "हरियाणा में कानून व्यवस्था पूरी तरह से गायब है। मुख्यमंत्री का नाम है नायब, लेकिन कानून व्यवस्था गायब है।"


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