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ज्योतिरादित्य सिंधिया 8 सितंबर को दुबई में होने वाले 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में होंगे शामिल

भारत के संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया 8 सितंबर को दुबई में होने वाले 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस (यूपीसी) में हिस्सा लेंगे। यह आयोजन भारत के लिए वैश्विक मंच पर अपनी डाक और लॉजिस्टिक्स क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है

ज्योतिरादित्य सिंधिया यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में होंगे शामिल, डाक सेवाओं की मजबूती पर करेंगे चर्चा

नई दिल्ली। भारत के संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया 8 सितंबर को दुबई में होने वाले 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस (यूपीसी) में हिस्सा लेंगे। यह आयोजन भारत के लिए वैश्विक मंच पर अपनी डाक और लॉजिस्टिक्स क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस हर चार साल में एक बार आयोजित होता है और यह यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है।

यूपीयू संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है, जो 1874 में स्थापित की गई थी। यह दुनिया का दूसरा सबसे पुराना अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका मुख्यालय बर्न, स्विट्जरलैंड में है।

यूपीयू का मुख्य काम अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाओं के लिए नियम बनाना और 192 सदस्य देशों के बीच डाक, पार्सल और वित्तीय सेवाओं में सहयोग को बढ़ावा देना है। यह संगठन वैश्विक स्तर पर डाक सेवाओं के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करता है।

दुबई में होने वाली यह कांग्रेस एक ऐतिहासिक बैठक है, जहां सदस्य देश यूपीयू की नई रणनीति और व्यापार योजना (2026-2029) पर चर्चा करेंगे। इस योजना का मुख्य फोकस तेजी से बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था में डाक सेवाओं के डिजिटल परिवर्तन, लचीलापन और आधुनिकीकरण पर होगा।

यूपीयू के सबसे पुराने सदस्यों में से एक भारत संगठन के प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है। भारतीय डाक विभाग अंतरराष्ट्रीय डाक नियमों को मानकीकृत करने, सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक डाक सेवाओं को आधुनिक बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है।

दुबई में अपनी यात्रा के दौरान मंत्री सिंधिया सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। इन बैठकों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना और वैश्विक मंच पर भारत के डाक और लॉजिस्टिक्स हितों को आगे बढ़ाना है।

सिंधिया की यह यात्रा भारत को वैश्विक डाक समुदाय में एक मजबूत और प्रभावशाली भूमिका निभाने में मदद करेगी। यह भारतीय डाक विभाग की प्रगति और वैश्विक मानकों के साथ उसके तालमेल को दर्शाता है।


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