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जयराम रमेश ने कहा -कर्पूरी ठाकुर से माफ़ी मांगे पीएम मोदी, पूछे ये 3 सवाल

बिहार चुनाव को लेकर पीएम मोदी के दौरे शुरू हो गए हैं। पीएम बिहार में चुनाव प्रचार की शुरूआत पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के गांव से की है। जिसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उनपर निशाना साधते हुए तीन सवाल पूछे हैं

जयराम रमेश ने कहा -कर्पूरी ठाकुर से माफ़ी मांगे पीएम मोदी, पूछे ये 3 सवाल
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कर्पूरी ठाकुर का नाम लेकर पीएम मोदी पर क्यों बरस गए जयराम रमेश?

  • कर्पूरी ठाकुर के गांव पहुंचेंगे पीएम मोदी
  • जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर कसा तंज़
  • एक्स पर पोस्ट कर पूछे तीन सवाल

पटना। बिहार विधानधान चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए अब दो सप्ताह से भी कम समय बचा है जिसे लेकर राज्य की सियासत में उबाल है। पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच पीएम मोदी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के गांव पहुंचे। जिसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम पर तंज़ कसा है।

बिहार चुनाव को लेकर पीएम मोदी के दौरे शुरू हो गए हैं। पीएम बिहार में चुनाव प्रचार की शुरूआत पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के गांव से की है। जिसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उनपर निशाना साधते हुए तीन सवाल पूछे हैं।

प्रधानमंत्री आज कर्पूरी ठाकुर जी के गाँव जा रहे हैं। उनके लिए तीन सीधे सवाल -

1. कर्पूरी ठाकुर ने 1978 में पिछड़ों को 26 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक नींव रखी थी। क्या यह सही नहीं है कि आपकी पार्टी के वैचारिक पूर्वज -जनसंघ और आरएसएस - ने उनकी आरक्षण नीति का खुलकर विरोध किया था? क्या उस समय जन संघ-आरएसएस ने सड़कों पर कर्पूरी ठाकुर के खिलाफ अपमानजनक और घृणा से भरे नारे नहीं लगाए गए थे? क्या उस दौर में जनसंघ-आरएसएस खेमे के प्रमुख नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर सरकार को अस्थिर करने और गिराने में अहम भूमिका नहीं निभाई थी? क्या प्रधानमंत्री आज उस ऐतिहासिक गलती के लिए अपने वैचारिक पूर्वजों - जनसंघ और आरएसएस - की ओर से माफ़ी मांगेंगे?

2. क्या आपने कांग्रेस पार्टी की जाति जनगणना की मांग को 'अर्बन नक्सल एजेंडा' कहकर दलितों, पिछड़ों, अति-पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों का अपमान नहीं किया? क्या आपकी सरकार ने संसद और सर्वोच्च न्यायालय में जाति जनगणना करने से इनकार नहीं किया? बहुसंख्यक वंचित वर्गों के करोड़ों लोगों की इस वैध मांग को आपकी सरकार ने लंबे समय तक जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया - क्या आप इससे इंकार करेंगे?

3. आपने और आपके ‘ट्रबल इंजन’ सरकार ने बिहार के जातिगत सर्वे के बाद पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण को 65% करने के विधानसभा प्रस्ताव को 9वीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला? कांग्रेस सरकार ने 1994 में तमिलनाडु के 69% आरक्षण को जैसे 9वीं अनुसूची में शामिल कर सुरक्षा दी थी, वैसे ही बिहार के 65% आरक्षण को सुरक्षा क्यों नहीं दी?

जयराम रमेश के इन निशानियां सवालो के बाद अब देखना ये होगा कि पीएम मोदी इन सवालों का किस तरह से जवाब देते हैं।



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