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'क्या जवानों के बलिदान और पहलगाम पीड़ितों से बढ़कर है भारत-पाक मैच', आदित्य ठाकरे ने उठाए सवाल

एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को लेकर देश में विरोध की आवाजें लगातार उठ रही हैं। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने भारत-पाक मैच को लेकर सवाल उठाए हैं

क्या जवानों के बलिदान और पहलगाम पीड़ितों से बढ़कर है भारत-पाक मैच, आदित्य ठाकरे ने उठाए सवाल
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एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को लेकर देश में विरोध

शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने भारत-पाक मैच को लेकर उठाए सवाल

मुंबई। एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को लेकर देश में विरोध की आवाजें लगातार उठ रही हैं। इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने भारत-पाक मैच को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बीसीसीआई से पूछा कि क्या यह खेल पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों और हमारे जवानों के बलिदान से ऊपर है?

यह खेल पहलगाम में जान गंवाने वालों और हमारे जवानों के बलिदान से ऊपर है-आदित्य ठाकरे

शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने केंद्रीय खेल मंत्री को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए बीसीसीआई से सवाल किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज एक बार फिर केंद्रीय खेल मंत्री को लिखे अपने पत्र पर प्रकाश डाल रहा हूं। बीसीसीआई और पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने वालों से मेरा सीधा सवाल है। क्या यह खेल पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों और हमारे जवानों के बलिदान से ऊपर है? प्रधानमंत्री कहते हैं कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो बीसीसीआई की कमाई और भारतीयों का खून एक साथ क्यों बहेगा?"

बीसीसीआई के लिए खून और कमाई एक साथ बह सकती है-ठाकरे

आदित्य ठाकरे ने 19 अगस्त को केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया को एक पत्र लिखा था। आदित्य ठाकरे ने एक्स पर पत्र शेयर करते हुए पूछा था कि प्रधानमंत्री के 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते' के बयान के बावजूद बीसीसीआई के लिए खून और कमाई एक साथ बह सकती है।

उन्होंने खेल मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर बीसीसीआई के पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के 'शर्मनाक' फैसले पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।

ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा, "एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक में पहलगाम हमले और पाकिस्तान से आए आतंकियों का अध्याय शामिल है, शायद बीसीसीआई अधिकारियों को पहले यह किताब पढ़नी चाहिए।"

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने के लिए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजे, तो अब बीसीसीआई का पाकिस्तान के साथ खेलना क्या दर्शाता है? क्या इसके लिए भी प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा?"


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