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महाराष्ट्र की गलती को बिहार में सुधारना चाहता है चुनाव आयोग : दीपांकर भट्टाचार्य

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर राजनीतिक पार्टियां एक्टिव हो गईं और अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है

महाराष्ट्र की गलती को बिहार में सुधारना चाहता है चुनाव आयोग : दीपांकर भट्टाचार्य
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पटना। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर राजनीतिक पार्टियां एक्टिव हो गईं और अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है। इससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का ऐलान किया, जिसे लेकर सियासत गरमा गई है। भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी।

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। एक चुनाव बचा हुआ था, लेकिन चुनाव आयोग ने ऐसा फरमान जारी किया कि अब इलेक्शन में भी पूरी तरह से अराजकता फैल जाएगी। बिहार को अपराध और अराजकता में धकेलने की कोशिश हो रही है। हमें बिहार को बचाना है। पहले लोग मतदाता सूची में अपना नाम बचाएं, मतदान के अधिकार की रक्षा करें, वोटबंदी को खारिज करें और फिर बिहार की सरकार को बदल दें।

उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण से बिहार में साढ़े चार करोड़ मतदाता प्रभावित होंगे। जब इसे लेकर सवाल पूछा गया तो चुनाव आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र को लेकर खामियां आई थीं, इसलिए बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण कराई जा रही है। अब चुनाव आयोग महाराष्ट्र की गलती को बिहार में मतदाताओं की छंटनी करके सुधारना चाहता है।

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जो मतदाता बाहर हैं, वो बाहर ही रहें, ऐसी मंशा है। सबको मालूम नहीं है कि विशेष गहन पुनरीक्षण में क्या करना है? चुनाव आयोग ने जो दस्तावेज मांगे हैं, वो कइयों के पास नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि जनता सड़क पर आए और विरोध करे, तभी चुनाव आयोग को समझ में आएगा। मतदाताओं को मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।

उन्होंने गोपाल खेमका हत्याकांड पर एनडीए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में अपराधियों का राज है। बिहार में डबल इंजन की बात होती है, जो पूरी तरह से फेल हो गई है। राज्य में सरकार और प्रशासन फेल हैं।


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